रायपुर की महिला को रखा 72 घंटे डिजिटल अरेस्ट, CBI अफसर बनकर डराया धमकाया फिर बैंक डिटेल लेकर ठग लिए 58 लाख

रायपुर में 58 वर्षीय महिला को साइबर ठगों ने 72 घंटे डिजिटल अरेस्ट रखा। इस दौरान मुंबई क्राइम ब्रांच, सीबीआइ और आरबीआइ में दर्ज धोखाधड़ी के केस में फंस जाने की बात कहकर इतना डरा दिया गया कि महिला ने सारे बैंक खातों की जानकारी उन्हें दे दी।

HIGHLIGHTS

  1. ठगों ने खुद को CBI अधिकारी बताकर महिला से बैंक जानकारी प्राप्त की।
  2. महिला ने अपने खाते से ₹58 लाख की रकम ठगों के खाते में ट्रांसफर की।
  3. महिला ने घटना की जानकारी अपनी बेटी को दी, फिर पुलिस को बताया।

 रायपुर। रायपुर की एक 58 वर्षीय महिला साइबर ठगों के जाल में फंस गई, जहां उसे 72 घंटे तक कथित “डिजिटल अरेस्ट” में रखा गया। इस दौरान ठगों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच, सीबीआई और आरबीआई के अधिकारी बताते हुए महिला को डरा-धमकाकर उसके बैंक खातों की जानकारी हासिल कर ली। महिला ने डर के मारे अपनी बैंक अकाउंट की जानकारी साझा कर दी और ठगों के बताए खातों में अपनी बचत का पैसा ट्रांसफर करती रही।

कैसे हुआ ठगी का शिकार?

यह मामला 3 नवंबर से शुरू हुआ, जब महिला को एक फोन कॉल आया जिसमें खुद को टेलीकॉम डिपार्टमेंट, मुंबई का अधिकारी बताया गया। ठग ने बताया कि महिला के आधार नंबर का उपयोग करके मुंबई के लुईसवाड़ी थाने में किसी इस्लाम नवाब मलिक नामक व्यक्ति ने 311 बैंक खाते खोले हैं, जिनका दुरुपयोग हो रहा है। इसके बाद फोन कॉल को कथित मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी से जोड़ दिया गया।

naidunia_image

वहां से एक व्यक्ति ने खुद को सब-इंस्पेक्टर विक्रम सिंह बताकर महिला से कई निजी जानकारियां पूछीं और कहा कि अगर वह जांच में सहयोग नहीं करती है, तो उसका मोबाइल नंबर 2 घंटे में बंद हो जाएगा और उसे मुंबई आना पड़ेगा। फिर उसे व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर जोड़कर कथित तौर पर “डिजिटल अरेस्ट” में रखा गया, जहां महिला को यह यकीन दिलाया गया कि पुलिस ऑनलाइन पूछताछ कर रही है।

ठगी का तरीका

ठगों ने महिला को डरा-धमकाकर वीडियो कॉल पर बने रहने के लिए मजबूर किया और मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग्स की तस्करी जैसे अपराधों में फंसा होने का झूठा आरोप लगाया। इसके बाद उन्होंने महिला से बैंक खातों की जानकारी लेकर उसकी बचत को अपने बताए खातों में ट्रांसफर करा लिया।

naidunia_image

3 से 8 नवंबर तक चले इस ठगी में ठगों ने महिला से करीब 58 लाख रुपये ऐंठ लिए। 8 नवंबर को ठगों के निर्देश पर महिला ने अपनी बेटी से संपर्क किया और घटना की जानकारी दी। इसके बाद ही मामला खुलकर सामने आया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई।

ठगी से बचाव के उपाय

  1. वीडियो कॉल के जरिए पुलिस अधिकारी पहचान नहीं बताते – असली पुलिस अधिकारी कभी भी व्हाट्सएप या वीडियो कॉल पर जांच नहीं करते।
  2. एप डाउनलोड करने के लिए नहीं कहती पुलिस – पुलिस किसी एप को डाउनलोड करने का निर्देश नहीं देती।
  3. डिजिटल अरेस्ट का कोई कानूनी प्रावधान नहीं – “डिजिटल अरेस्ट” जैसा कोई प्रावधान कानून में नहीं है।
  4. धमकी और डराने से सावधान रहें – पुलिस काल पर डराने-धमकाने का काम नहीं करती और न ही पैसे की मांग करती है।
  5. शेयर न करें पर्सनल जानकारी – बैंक और व्यक्तिगत जानकारी किसी अज्ञात व्यक्ति को फोन पर न दें।

इस घटना के बाद पुलिस ने साइबर क्राइम सेल को जांच में लगाया है और पीड़िता को सलाह दी गई है कि वह आगे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध कॉल का जवाब न दें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button