साजा विधायक के बेटे पर मारपीट का केस, अगले दिन आदिवासी युवकों पर लूट की शिकायत दर्ज

छत्तीसगढ़ के ग्राम बिरनपुर में साजा विधायक ईश्वर साहू के बेटे कृष्णा साहू और आदिवासी युवक राहुल ध्रुव के बीच विवाद हुआ। बीच-बचाव करने आए मनीष मंडावी पर कृष्णा ने हमला किया, जिससे उन्हें गंभीर चोट आई। आदिवासी समाज के दबाव के बाद पुलिस ने विधायक पुत्र के खिलाफ मामला दर्ज किया। इसके अगले दिन कृष्णा साहू ने मनीष और तीन अन्य पर लूट का केस दर्ज करवाया।

बेमेतरा। छत्‍तीसगढ़ की राजनीति में सुर्खियों में रहा बेमेतरा जिले का ग्राम बिरनपुर एक बार फिर चर्चा का विषय बना हुआ है। 12 अक्टूबर को दशहरे के दिन, विधायक ईश्वर साहू के पुत्र कृष्णा साहू के खिलाफ मारपीट और गाली-गलौज की शिकायत की गई थी।

इस मामले में थाना साजा में 15 अक्टूबर को शिकायत दर्ज की गई, जिसके दूसरे दिन ही विधायक पुत्र के शिकायत पर मनीष मंडावी, ओम प्रकाश मांडवी, गोविंद मांडवी और तिलेश नेताम के खिलाफ लूट, गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज किया गया।naidunia_image

जानिए क्‍या है पूरा मामला

दरअसल, यह मामला 12 अक्टूबर का है। साजा विधायक ईश्वर साहू के बेटे कृष्णा साहू का आदिवासी युवक राहुल ध्रुव से किसी बात पर विवाद हो गया। बीच-बचाव करने आए मनीष मंडावी पर कृष्णा साहू ने चूड़े से सिर पर वार कर दिया, जिससे मनीष को गंभीर चोट लग गई।

पीड़ित परिवार ने 14 अक्टूबर को साजा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन इस मामले में पुलिस की ओर से कोई तत्काल कार्रवाई नहीं की गई। माना जा रहा है कि यह राजनीतिक दबाव या विधायक से जुड़े होने के कारण हुआ। लेकिन जब आदिवासी समाज के प्रमुखों ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए दबाव बनाया, तो पुलिस को आखिरकार 15 अक्टूबर को आरोपी कृष्णा साहू के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करना पड़ा।naidunia_image

विधायक के बेटे की शिकायत पर आदिवासी युवक पर केस दर्ज

इसके एक दिन बाद कृष्णा साहू ने मनीष मंडावी, ओम प्रकाश मांडवी, गोविंद मांडवी और तिलेश नेताम के खिलाफ लूट, गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए पुलिस थाने में मामला दर्ज करा दिया।

पुलिस ने विधायक पुत्र कृष्णा साहू की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए चार आदिवासी युवकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस संदर्भ में थाना प्रभारी चंद्र देव वर्मा ने कहा कि शिकायत के आधार पर मामले को दर्ज कर लिया गया है और विवेचना की जा रही है।

घटनाक्रम में उठ रहे कई सवाल

इस पूरे घटनाक्रम में कई सवाल उठते हैं। यदि वास्तव में लूटपाट हुई है और मारपीट की गई है, तो शिकायत थाने में तुरंत क्यों नहीं की गई? शिकायत के दूसरे दिन मामला दर्ज करना प्रतिशोध की ओर इशारा कर रहा है। इससे स्पष्ट होता है कि मामले की जड़ें कहीं न कहीं राजनीतिक प्रतिशोध से जुड़ी हो सकती हैं।

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