भूपेश सरकार में मंत्री बनने से पहले बोले मरकाम- सत्ता-संगठन में खींचतान होती, तो कोई चुनाव नहीं जीतते
रायपुर: छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष के बाद अब भूपेश सरकार में मंत्री बनने जा रहे कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम ने कहा कि अभी तक संगठन की सेवा कर रहे थे, अब जनता की सेवा करेंगे। मीडिया से चर्चा में मरकाम ने कहा कि मेरा तीन साल का कार्यकाल पूरा हो गया था, उसके बाद भी एक साल तक प्रदेश अध्यक्ष रहा। इस दौरान सबसे ज्यादा सदस्यता कराई गई। प्रदेश में 19 लाख से ज्यादा सदस्यता हुई। कांग्रेस का पहली बार प्रदेश में राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ, जिसे सभी ने मिलकर सफल बनाया। अध्यक्ष के रूप में प्रदेश में हुए पांचों विधानसभा उपचुनाव जीते, 14 नगर निगम जीते और हर चुनाव में जीत हासिल की।
मरकाम ने कहा कि हाईकमान समय-समय पर तय करता है कि किस नेता को क्या जिम्मेदारी देनी है। हाईकमान ने बुधवार को बताया था कि आपको नई जिम्मेदारी दी जाएगी, लेकिन गुरुवार को स्पष्ट हुआ कि मुझे मंत्री बनाया जा रहा है। चुनावी तैयारी को लेकर मरकाम ने कहा कि हम तैयार हैं और आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की बड़ी जीत होगी। 75 पार का जो लक्ष्य रखा गया है, उसे पूरा किया जाएगा। सत्ता और संगठन में खींचतान के सवाल को खारिज करते हुए मरकाम ने कहा कि कहीं कोई विवाद नहीं है। अगर खींचतान होती, तो कांग्रेस उम्मीदवार कोई भी चुनाव नहीं जीत पाते
शिक्षाकर्मी से मंत्री तक का सफर
मोहन मरकाम ने बताया कि वह बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा से प्रभावित होकर 1990 से ही कांग्रेस से जुड़ा। किसान परिवार से आने के बाद मैं शासकीय सेवा के रूप में शिक्षाकर्मी वर्ग एक व शिक्षाकर्मी वर्ग दरे के रूप में भी काम किया। कुछ दिनों तक भारतीय जीवन बीमा निगम में विकास अधिकारी और भारतीय स्टेट बैंक लाइफ में सीनियर एजेंन्सी मैनेजर के रूप में भी काम किया। लेकिन राजनीति में आने के लिए नौकरी छोड़ दी। वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने कोंडागांव सीट से टिकट मिली, जिसमें पूर्व मंत्री लता उसेंडी से 2771 मतों से हार का सामना करना पड़ा। 2013 और 2018 के चुनाव में लता उसेंडी को हराया। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई।