रेंगती मौत का खतरा शहर से लेकर ग्रामीण अंचल में बढ़ा, घरघोड़ा रहवासी नाबालिग बालिका की हुई मौत
इन दिनों जिले में रेंगती मौत का खतरा काफी बढ़ गया है।।जिले के विभिन्न अंचल से सर्प दंश से पीड़ित मेकाहारा में केवल 7 माह में 95 मरीज उपचार के लिए आए है इसमें 3 की जान भी गई है।आलम यह है बीते दिन रात्रि सर्प दंश से घरघोड़ा रहवासी बालिका की मौत होने का मामला सामने आया है।
HIGHLIGHTS
- मेकाहारा में 7 माह में आया 95 सर्प दंश के प्रकरण 3 ने गवाई जान
- रायगढ़ जिले के अन्य अस्पताल की स्थिति भी इसी तरह
- बारिश का मौसम आते ही बाहर निकलते है कई प्रकार के जहरीले जीव
रायगढ़। वर्षा का मौसम आते ही कई प्रकार के जहरीले जीव बारिश व उमस के चलते बाहर निकलते है। जिसमे अधिक सांप का खतरा बढ़ जाता है। अब जब से बारिश शुरू हुआ है, तब से इनकी संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है। जिससे इन दिनों सर्पदंश के शिकार लगातार लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं।
मरीज रिकार्ड
मेकाहारा रिकार्ड की बात करे तो जुलाई माह में 95 मरीज सर्प दंश से पीड़ित होकर आए है। जबकि जून माह में इनकी संख्या 28 थी। वही देखा जाए तो जिला अस्पताल से लेकर धरमजयगढ़ लैलूंगा के अस्पताल के रिकार्ड में भी मरीज की तादात काफी है। इन सभी के बीच सर्प दंश से पीड़ित मरीज को अस्पताल पहुंचने में विलंब होने पर उनकी जान भी चली जा रही है, लेकिन ज्यादातर मरीजों को समय से एंटी स्नैक बाईट मिल जाने के कारण जान बच जा रही है।
इस क्रम में सन कुमारी राठिया पिता घसिया राम उम्र 15 साल निवासी हा.मु बाहिरकेला में अपने जीजा के घर में रहकर पढ़ाई कर रही थी, 31 जुलाई दरमियानी रात लगभग 1 बजे मृतक उलटी करने लगी। घर में जाँच करने पर घर में जहरीला सांप करैत घूम रहा था । देखने पर मृतिका के बाये पैर को काट दिया था रात में ही युवती को उपचार के लिए घरघोड़ा हॉस्पिटल लाया गया था। हॉस्पिटल में उपचार के दौरान युवती कि मौत हो गई। घरघोड़ा पुलिस ने मृतक का मर्ग कायम कर जाँच विवेचना में ले लिया है साल दर साल आंकड़े भी मरीज़ो के बढ़े है।
सर्पदंश से कैसे बचा जाए
1.घरों के आस-पास साफ-सफाई रखें,कोई कबाड़ न होने दें।
2.घरों में चूहे के बिलों को बंद करके रखें।
3.पानी निकासी के मार्गो पर बारीक जाली लगाए।
4.खेतों व अधिक घास वाली जगह पर नंगे पैर न चलें।
5.किसी अंधेरी जगह में जाते समय टार्च या लालटेन का प्रयोग करें।
6.घरों में यदि नीचे सो रहे है तो बीच मे सोएं या पलंग या मच्छरदानी का प्रयोग करें।
7.घरों के दरवाजों व खिड़कियों की दरारों को किसी कपड़े की सहायता से बंद करके रखें।
8.घरों में किसी बेला या पेड़ से लटकी हुई डाल को न रहने दे।
मेकाहारा में सर्प दंश के मरीज पर एक नजर
माह मरीज – मौत
जनवरी 4
फरवरी 7
मार्च 8
अप्रैल 11
मई 25
जून 28
जुलाई 22( 20 जुलाई तक)
इस माह के चर्चित केस
16 जुलाई को पीतांबर चंद्रा उम्र 35 साल ग्राम तेंदूमुड़ी का रहने वाला है। जो पेशे से खेती किसानी का कार्य करता था और परिवार का लालन पालन करता था। 16 जुलाई की रात को घर में खाना खाकर सो रहा था। इस बीच रात करीब डेढ़ बजे सांप के काटे जाने के बाद दर्द में नींद खुली, परिजनों को जानकारी दी उसे डभरा हॉस्पिटल लाया गया । जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे मेडिकल कॉलेज रात भर्ती कराया गया जिसका दूसरे दिन सुबह 8 बजे मृत्यु हो गई थी।
केस 2
1 जुलाई भूपदेवपुर थाना क्षेत्र के ग्राम कांशीचुआ निवासी शंकरलाल खडिय़ा पिता स्व. मोटूलाल खडिय़ा 65 वर्ष विगत दिन जून की रात में खाना खाने के बाद अपने कमरे में सोया था। इस दौरान देर रात सर्प ने उसे डंस लिया। जिससे दर्द होने पर उसने शोर मचाया तो परिजन जाकर देखे तो सर्प वहां से भाग रहा था। जिससे उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया गया, जहां उपचार के दौरान रात को मौत हो गई थी।
केस 3
25 जुलाई राधना प्रजापति पिता शंकर प्रजापति उम्र 9 वर्ष निवासी ग्राम देवानमुड़ा है। बालिका के पिता ने बताया कि राधना कक्षा 5 वीं में पढ़ती थी। बुधवार को रोजना की तरह रात में खाना खाकर वह स्वजनो के साथ खाट पर सोई हुई थी। इस बीच रात करीब 1 बजे अपनी मां को वह बताई कि कोई जीव काट लिया है। जिससे असहनीय दर्द हो रही है। इस पर उसकी मां ने घर के सदस्यों को जगाते हुए जांच पड़ताल, खोजबीन छानबीन करने लगी, लेकिन उक्त जीव नहीं दिखा। तब गांव के डाक्टर को दिखाए। जिस पर गांव के डाक्टर द्वारा इलाज करने से मना कर दिया गया। मेडिकल कालेज अस्पताल में बालिका की मौत हो गई।