अंग्रेजों के जमाने का है सालों पुराना छत्‍तीसगढ़ का ये अखाड़ा, यहां के पहलवान ने दी थी दारासिंह को चुनौती

रायपुर के महावीर अखाड़े की स्थापना महंत बिहारीदास ने 19वीं सदी में यानी 1892 में की थी। देश की आजादी के बाद अखाड़े का नवीनीकरण होने पर उद्घाटन करने प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद आए थे। मुगले आजम में अकबर की भूमिका निभाने वाले पृथ्वीराज कपूर भी आ चुके हैं।

HIGHLIGHTS

  1. 1960-70 के दशक में कुश्ती लड़ने आए दारासिंह ने हंसकर टाल दिया था
  2. महंत बिहारीदास ने वर्ष 1892 में की थी रायपुर के महावीर अखाड़े की स्थापना
  3. अखाड़े का नवीनीकरण होने पर राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने किया था उद्घाटन

 रायपुर। एक समय था, जब कुश्ती देखकर लोग मनोरंजन करते थे। पहलवानों के दांवपेंच देखकर दांतों तले अंगुली दबा लेते थे। शहर के सबसे पुराने जैतूसाव मठ के बगल में स्थित महावीर अखाड़ा में ऐसे-ऐसे पहलवान हुए, जिन्होंने अपनी कुश्ती से प्रसिद्धि प्राप्त की।

अनेक शहरों में कुश्ती लड़कर युवाओं को कुश्ती के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। इस अखाड़े में ऐसे ही एक पहलवान स्व.मल्लूराम शर्मा थे, जिन्होंने 1960-70 के दशक में रुस्तम-ए-हिंद स्व. दारासिंह को भी कुश्ती लड़ने की चुनौती दे डाली थी। हालांकि दारासिंह ने इसे मजाक समझकर टाल दिया था।

इस किस्से के बारे में महावीर अखाड़ा समिति के उपाध्यक्ष पहलवान गजेश यदु बताते हैं कि हमारे अखाड़े में यह किस्सा आज भी कहा-सुना जाता है कि देश-विदेश में कुश्ती में कभी न हारने वाले स्व.दारासिंह कुश्ती के एक आयोजन में भिलाई आए थे।

कुश्ती देखने के लिए अविभाजित मध्य प्रदेश के अनेक शहरों से पहलवान भिलाई गए थे। वहां महावीर अखाड़े के स्व.मल्लूराम शर्मा ने भी दारासिंह को चुनौती दी थी। सब हैरान रह गए थे। देश की आजादी के बाद अखाड़े का नवीनीकरण होने पर उद्घाटन करने प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद आए थे। मुगले आजम में अकबर की भूमिका निभाने वाले पृथ्वीराज कपूर भी आ चुके हैं।

19वीं सदी में अंग्रेजी शासन में स्थापित हुआ था अखाड़ा

पहलवान यदु बताते हैं कि महावीर अखाड़े की स्थापना महंत बिहारीदास ने 19वीं सदी में यानी 1892 में की थी। अंग्रेजी शासनकाल में स्थापित अखाड़े में देश को आजादी दिलाने के लिए लड़ने वाले अनेक क्रांतिकारी आते थे और योजनाएं बनाते थे। वर्तमान में डा. रेवाराम यदु संचालन कर रहे हैं।

इन पहलवानों ने किया है रायपुर का नाम रोशन

स्व. मल्लूराम शर्मा, खेल विभूति सम्मान से सम्मानित लौह पुरुष के नाम से प्रसिद्ध बाडी बिल्डर स्व. जवाहर लाल सोनी, स्व. अनंतराम यदु, स्व. सुखराम यदु, बद्री प्रसाद अग्रवाल, रघुवर प्रसाद शर्मा, प्रभु सोनकर, नारायण शर्मा, राजेश यदु, मानिक ताम्रकार, बाबूलाल यदु ने शहर का नाम रोशन किया है।

इस साल भी नागपंचमी पर होगी कुश्ती प्रतियोगिता

इस साल भी नागपंचमी पर नौ अगस्त को शहर के तीन प्रसिद्ध अखाड़ों में कुश्ती प्रतियोगिताएं होंगी, जिनमें जैतूसाव मठ का महावीर अखाड़ा, कुशालपुर में दंतेश्वरी अखाड़ा और गुढ़ियारी में शंकर मंदिर सेवा समिति अखाड़ा में कुश्ती प्रतियोगिता होगी।

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