फॉक्सकॉन ने वेदांता के साथ तोड़ा करार, भारत में सेमीकंडक्टर के निर्माण को झटका
Vedanta-Foxconn Deal: भारत के देश में सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चरिंग योजनाओं को बड़ा झटका लगा है। ताइवान की दिग्गज कंपनी फॉक्सकॉन ने भारत में सेमीकंडक्टर बनाने के लिए वेदांता के साथ किए गए अपने करार तोड़ने का ऐलान किया है। पिछले साल वेदांता और फॉक्सकॉन ने गुजरात में 19.5 बिलियन डॉलर के निवेश के साथ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले प्रोडक्शन प्लांट लगाने का ऐलान किया था। फॉक्सकॉन ने कहा कि कंपनी वेदांता के साथ ज्वाइंट वेंचर को लेकर अब अब आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है।
शुक्रवार को वेदांता ने कहा था कि वे ज्वाइंट वेंचर की होल्डिंग कंपनी का टेकओवर करेगी, जिसने फॉक्सकॉन के साथ सेमीकंडक्टर बनाने के लिए करार किया था। कंपनी ने कहा था कि वो डिस्प्ले ग्रास मैन्युफैक्चरिंग वेंचर का भी वॉलकैन इवेस्टमेंट से टेकओवर करेगी। फॉक्सकॉन ने कहा कि कंपनी ने तय किया है कि वह वेदांता के साथ जॉइंट वेंचर पर आगे नहीं बढ़ेगा। कंपनी ने कहा कि यह म्यूचुअली डिसाइड हुआ है और अब यह पूरी तरह से वेदांता के स्वामित्व वाली इकाई होगी।
भारत की योजना को झटका
ताइवान की दिग्गज कंपनी फॉक्सकॉन (Foxconn) के जॉइंट वेंचर से बाहर होने से भारत में सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग की योजनाओं को बड़ा झटका लगा है। फॉक्सकॉन दुनिया की सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्ट इलेक्ट्रॉनिक्स मेकर कंपनी है। फॉक्सकॉन को आईफोन और दूसरे एपल प्रोडक्ट्स को असेंबल करने के लिए जाना जाता है। लेकिन पिछले कुछ समय से वह अपने कारोबार में विविधता लाने के लिए चिप मैन्यूफैक्चरिंग में जा रहा है। पीएम मोदी ने भारत की आर्थिक रणनीति के तहत चिप मैन्यूफैक्चरिंग को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। अब फॉक्सकॉन का यह कदम, भारत में चिप बनाने के लिए लुभाने की उनकी महत्वाकांक्षाओं के लिए एक झटका है। लेकिन केन्द्रीय मंत्राी राजीव चंद्रशेखर के मुताबिक इससे भारत की भविष्य की योजनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।