महाविलय का ग्राहकों पर सीधा असर, ये छह बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे

निजी क्षेत्र के सबसे बड़े एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और एचडीएफडी लिमिटेड (HDFC) के महाविलय (Merger) का असर इनके ग्राहकों पर देखने को मिलेगा। दोनों कंपनियां एचडीएफसी समूह की हैं। हालांकि, एचडीएफसी बैंक के ग्राहकों के लिए कोई बड़े बदलाव नहीं होने वाले हैं, लेकिन एचडीएफसी के ग्राहकों पर इसका सीधा असर पड़ने की संभावना है।

एचडीएफडी लिमिटेड के चेयरमैन दीपक पारेख के अनुसार, एचडीएफसी बैंक की सभी ब्रांच में एचडीएफडी लिमिटेड की सेवाएं मिलती रहेंगी। बैंक की हर ब्रांच से होम लोन जारी किया जा सकेगा। बैंक में आवास ऋण के लिए नई व्यवस्था बनेगी। इसके अलावा एचडीएफसी बैंक के उत्पाद जैसे क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन, कार लोन, बिजनेस लोन आदि सुविधाएं अब एचडीएफसी लिमिटेड के ग्राहकों के लिए उपलब्ध होंगी।

1. एफडी की ब्याज दरें बदल जाएंगी

जिन लोगों ने एचडीएफसी में एफडी में निवेश किया है, उनकी ब्याज दरों में अंतर आ सकता है। दरअसल, दोनों की कंपनियों ब्याज दरें अलग-अलग हैं। एचडीएफसी बैंक में एफडी पर ब्याज दरें एचडीएफसी हाउसिंग फाइनेंस की तुलना में कम हैं। एचडीएफसी 12 महीने से 120 महीने के लिए 6.56% से 7.21% तक ब्याज दरें प्रदान करता है। वहीं, एचडीएफसी बैंक सात दिनों से 120 महीने के लिए 3% से 7.25% की ब्याज देता है। विलय के बाद जिन जमाधारकों ने रिन्यूअल का विकल्प चुना है, उनके एफडी की ब्याज दरों में बदलाव किया जाएगा।

2. एफडी पर बीमा मिलेगा

एचडीएफसी लिमिडेट के ग्राहकों को अपनी सावधि का पैसा वापस लेने या निर्धारित ब्याज दर पर जमा राशि को एचडीएफसी बैंक के साथ नवीनीकृत करने का विकल्प दिया जा सकता है। ऐसा करने पर पैसा अधिक सुरक्षित होगा, क्योंकि जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) के तहत अधिकतम 5 लाख रुपये तक का बीमा किया जाएगा।

3. होम लोन के लिए नए नियम लागू होंगे

बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों के लिए होम लोन के नियमों में अंतर होता है। आरबीआई के नियमों के मुताबिक बैंकों के सारे लोन एक्सटर्नल बेंचमार्क रेट के आधार पर तय होते हैं। गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों के लिए ऐसी कोई अनिवार्यता नहीं होती है। विलय के बाद एचडीएफसी लिमिटेड पर भी यह नियम लागू होगा। अगर बैंक होम लोन पर ब्याज दर घटाता है तो एचडीएफसी के मौजूदा ग्राहकों को इसका फायदा मिलेगा। साथ ही ईएमआई चुकाने की प्रक्रिया में भी किसी तरह का बदलाव नहीं होगा।

4. 25 के बदले 42 शेयर मिलेंगे

एचडीएफसी लिमिटेड के वाइस चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी केकी मिस्त्री ने कहा कि 13 जुलाई को एचडीएफसी के शेयर स्टॉक एक्सचेंज से हट जाएंगे और इसके शेयर की ट्रेडिंग एचडीएफसी बैंक के शेयर के रूप में होगी। यदि किसी शेयरधारक के पास एचडीएफसी लिमिटेड के 25 शेयर हैं तो उसे एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे। विलय के बाद रिकॉर्ड डेट या कट ऑफ डेट का ऐलान किया जाएगा।

5. कर्मचारियों की छंटनी नहीं होगी

एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा कि हमें एचडीएफसी बैंक के सीईओ से आश्वासन मिला है कि हर कर्मचारी जिसकी भी उम्र 60 साल से कम है, उसे बैंक में शामिल किया जाएगा। उनके वेतन में किसी तरह की कोई कटौती नहीं होगी। हमारे ये कर्मचारी लोन बांटने के साथ-साथ कुछ और भी जिम्मेदारियां संभालेंगे।

6. म्यूचुअल फंड में घट सकती है हिस्सेदारी

विलय के बाद कम से कम 60 इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं में एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी में संयुक्त हिस्सेदारी 10% की सीमा से अधिक हो जाएगी। सेबी के नियमों के अनुसार, एक म्यूचुअल फंड योजना में एक ही कंपनी 10% से अधिक निवेश नहीं कर सकती है। हालांकि, ऐसे फंड, जो विशेष क्षेत्रों में निवेश करते हैं, उन्हें इसकी छूट मिलती है।

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