JEE एडवांस रिजल्ट के बाद बच्चे ब्रेक डाउन व बिहेवियर चेंज के शिकार

मुजफ्फरपुर.  जेईई एडवांस के रिजल्ट के बाद बच्चे ब्रेक डाउन व बिहेवियर चेंज के शिकार हो रहे हैं। खराब स्कोरिंग के कारण पहले और दूसरे प्रयास के बाद ही बड़ी संख्या में बच्चे किसी भी तरह की पढ़ाई से पूरी तरह से इनकार कर रहे हैं। पिछले तीन दिनों से रोजाना 100 से 150 कॉल ऐसे बच्चों के अभिभावकों के आ रहे हैं। मनोदर्पण के साथ सीबीएसई काउंसिलिंग सेल की रिपोर्ट से यह सामने आया है। 

स्थिति यह है कि बच्चे पढ़ाई को लेकर बात करने को भी तैयार नहीं हो रहे हैं। चिंतित अभिभावक लगातर काउंसिलिंग सेल में कॉल कर रहे हैं। अभिभावकों की विशेषज्ञ काउंसिलिंग कर रहे हैं। विशेषज्ञ की ओर से ऐसे कई संस्थानों की जानकारी दी जा रही जहां मेन के स्कोरिंग से नामांकन होता है। देश के कई बेहतर रिसर्च संस्थानों में मेन के स्कोर के आधार पर नामांकन लेकर ऐसे बच्चे कैसे बेहतर भविष्य बना सकते हैं, इस पर अभिभावकों और बच्चों की काउंसिलिंग शिक्षा मंत्रालय की ओर से कराई जा रही है। इस बार रिजल्ट में नई श्रेणी प्रेप शामिल है। इस श्रेणी वालों को इंजीनियरिंग कोर्स में नामांकन मिलेगा, लेकिन एक साल में बेहतर स्कोरिंग की शर्त होगी।

विद्यार्थियों की मनोदशा बनी चिंता का कारण  :
मुजफ्फरपुर के अभिभावक विनायक गुप्ता ने कहा कि बेटे का यह पहला ही प्रयास था, लेकिन एडवांस में स्कोरिंग बेहतर नहीं आई। इस कारण अब वह घर से निकलता नहीं है। आगे की तैयारी या अन्य कोर्स में नामांकन पर कहता है कि अब मैं किसी लायक नहीं हूं। मैं कोई भी परीक्षा नहीं दूंगा। काउंसिलिंग सेल में कॉल करने वाले मोतिहारी के अजुर्न अंका कहते हैं कि बेटी ने तीन दिन से खाना-पीना छोड़ दिया है। कुछ पूछने पर बस रोती रहती है।

खत्म हो रही बच्चों की फाइटर प्रवृति :
मनोदर्पण और सीबीएसई काउंसिलिंग सेल के विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद कुमार कहते हैं कि पिछले तीन दिनों में अलग-अलग विशेषज्ञ के पास विभिन्न शहरों और राज्यों से 500 से अधिक कॉल आ चुकी हैं। बच्चे एक परीक्षा के बाद ही हार मान रहे हैं। यह फाइटर प्रवृति के खत्म होने का संकेत है जो दुखद है। लेकिन, इस बार सुखद पहलू यह कि अभिभावक सचेत हैं और सकारात्मक भी कि बच्चों को कैसे इससे बाहर लाएं। हम उन्हें अलग-अलग कोर्स के साथ संस्थानों की जानकारी दे रहे हैं, जहां बच्चों का भविष्य बेहतर बन सकता है। हैदराबाद, त्रिवेन्त्रपुरम, गुवाहटी, केरला समेत कई राज्यों में रिसर्च समेत कई आईटी संस्थान हैं जहां बच्चों का दाखिला हो सकता है।

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