नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह में आप, तृणमूल समेत कई विपक्षी दलों के शामिल नहीं होने का अनुमान
नई दिल्ली: नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी दल आमने-सामने हैं. नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराने की विपक्ष की मांग के बीच कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने 28 मई को आयोजित समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है. कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों की मांग है कि संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराया जाए. ऐसे में तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने साफ कह दिया है कि वे नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होंगे.
सूत्रों ने बताया कि समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं ने इस मुद्दे पर चर्चा की और सदन में विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा जल्द ही एक संयुक्त बयान जारी किया जाएगा, जिसमें उद्घाटन कार्यक्रम के संयुक्त बहिष्कार की घोषणा की जाएगी. इस बीच, तृणमूल कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने कहा कि वे उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. सूत्रों ने कहा कि कार्यक्रम का औपचारिक निमंत्रण प्राप्त होने के बाद बुधवार को राजनीतिक दलों द्वारा अंतिम फैसला किया जाएगा.
तृणमूल ने कहा- स्वतंत्रता दिवस, या गणतंत्र दिवस, या गांधी जयंती पर हो कार्यक्रम
लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन कार्यक्रम या तो स्वतंत्रता दिवस, या गणतंत्र दिवस, या गांधी जयंती पर आयोजित किया जाना चाहिए था, न कि वी. डी. सावरकर की जयंती पर. हमने 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है. यह पूछे जाने पर कि क्या टीएमसी ने केंद्र के समक्ष अपनी चिंताएं जताई हैं, बंद्योपाध्याय ने कहा, “पुराने संसद भवन का क्या होगा, इसको लेकर विपक्षी दलों को अंधेरे में रखा गया है. सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है.” राज्यसभा में टीएमसी के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि संसद सिर्फ एक इमारत नहीं है, बल्कि पुरानी परंपराओं, मूल्यों, मिसालों और भारतीय लोकतंत्र की नींव वाली एक संस्था है.
क्या कांग्रेस करेगी समारोह से किनारा…
भाकपा महासचिव डी राजा ने भी कहा कि उनकी पार्टी उद्धघाटन समारोह में भाग नहीं लेगी. जैसे ही संसद सदस्यों को आमंत्रण की ‘सॉफ्ट कॉपी’ मिलनी शुरू हुई, वे इस मुद्दे पर चर्चा करने लगे. विपक्षी सूत्रों ने संकेत दिया कि ज्यादातर दलों की राय है कि उन्हें एकजुट होकर समारोह से दूर रहना चाहिए, लेकिन इस मुद्दे पर अंतिम फैसला बुधवार को किया जाएगा. कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने आरोप लगाया कि सरकार ने इस समारोह से राष्ट्रपति मुर्मू को दूर रखकर उनका और पूरे आदिवासी समाज का अपमान किया है. उन्होंने कहा, “महामहिम राष्ट्रपति, जो एक सामान्य पृष्ठभूमि से उठकर यहां तक पहुंची हैं, उनका अपमान क्यों हो रहा है? क्या अपमान इसलिए हो रहा है कि वह आदिवासी समाज से आती हैं या फिर उनके राज्य (ओडिशा) में चुनाव नहीं है?” यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस इस समारोह का बहिष्कार करेगी तो वल्लभ ने कहा, ‘उचित समय पर उचित फैसला किया जाएगा.’
माकपा ने कही ये बात
कार्यक्रम के आमंत्रण कार्ड में कहा गया है कि समारोह दोपहर में शुरू होगा और आमंत्रितों लोगों से अनुरोध है कि वे सुबह 11.30 बजे तक अपना स्थान ग्रहण कर लें. संसद भवन का उद्घाटन: माकपा ने प्रधानमंत्री पर राष्ट्रपति की अनदेखी करने का आरोप लगाया. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नये संसद भवन के शिलान्यास समारोह और अब उसके उद्घाटन समारोह के लिए भी राष्ट्रपति को ‘नजरअंदाज’ करने का आरोप लगाया. येचुरी ने एक ट्वीट में कहा, ‘जब नए संसद भवन की आधारशिला रखी गई तो मोदी ने राष्ट्रपति को दरकिनार कर दिया था और अब उद्घाटन के मौके पर भी उन्होंने उन्हें नजरअंदाज कर दिया, यह अस्वीकार्य है. संविधान का अनुच्छेद 79 कहता है कि ‘संघ के लिए एक संसद होगी, जिसमें राष्ट्रपति और दो सदन होंगे.’
नये संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करेगी आम आदमी पार्टी
विपक्षी दलों ने दिसंबर 2020 में नये संसद भवन के शिलान्यास समारोह का बहिष्कार किया था और उनके रविवार को भी उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होने की संभावना है. इस बीच आम आदमी पार्टी ने कहा कि वह 28 मई को नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करेगी. आप ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा संसद भवन का उद्घाटन न कराये जाने से वह ‘निराश’ हैं. पार्टी ने कहा, ‘‘कई अन्य विपक्षी दल भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. हम समारोह का बहिष्कार करेंगे.” नये संसद भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्य और राज्यसभा कक्ष में 300 सदस्य बैठ सकते हैं.