आबादी में आगे निकला भारत तो भड़का चीन, करने लगा बेहूदी बात; पश्चिमी देशों को फटकारा
बीजिंग. भारत की जनसंख्या 142.86 करोड़ हो गई है और वह चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया। चीन को यह बात पसंद नहीं आई। अब चीनी अधिकारी भारत पर नस्लीय टिप्पणी कर रहे हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने भारत पर कटाक्ष करते हुए कहा कि किसी देश के जनसांख्यिकीय लाभांश का आकलन करते समय यह देखना भी महत्वपूर्ण है कि उसकी क्वालिटी कैसी है। केवल साइज पर नहीं जाना चाहिए। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बुधवार को कहा कि जनसंख्या लाभांश न केवल मात्रा पर बल्कि गुणवत्ता पर भी निर्भर करता है। उन्होंने कहा, “किसी देश के जनसांख्यिकीय लाभांश का आकलन करते समय, हमें न केवल इसके साइज बल्कि इसकी क्वालिटी को भी देखने की जरूरत है। साइज मायने रखता है, लेकिन जो अधिक मायने रखता है वह प्रतिभा संसाधन (टैलेंट रिसोर्स)। 1.4 बिलियन चीनी में से लगभग 900 मिलियन कामकाजी उम्र के हैं और औसतन 10.9 साल की शिक्षा प्राप्त की है।”
पश्चिमी देशों पर भी भड़का
यही नहीं, खबर को ‘बढ़ा-चढ़ाकर’ पेश करने के लिए चीन पश्चिमी देशों की मीडिया पर निशाना साध रहा है। चीन के सरकारी टीवी चैनल चाइना सेंट्रल टेलीविजन (CCTV) ने गुरुवार को कड़े शब्दों में पश्चिमी मीडिया की निंदा करते हुए कहा कि उसने संयुक्त राष्ट्र की जनसंख्या रिपोर्ट को सनसनीखेज बना दिया। टैब्लॉइड ग्लोबल टाइम्स सहित सरकार द्वारा संचालित चीनी मीडिया में संयुक्त राष्ट्र की जनसंख्या रिपोर्ट को तवज्जो नहीं देने की कोशिश की गई। चीनी अखबारों में विशेषज्ञों की टिप्पणियों को छापा गया है जिन्होंने भारत की युवा आबादी के लाभ उठाने की क्षमता पर सवाल उठाया।
मंदारिन (चीनी भाषा) में जारी सीसीटीवी की खबर में पश्चिमी मीडिया पर “चीन को बदनाम करने’ की कोशिश का आरोप लगाया। इसने इसे “चीन से संबंधित उद्योगों के स्थानांतरण को प्रोत्साहित करने” का प्रयास भी बताया। टिप्पणी में कहा गया है कि पश्चिमी मीडिया की रिपोर्ट चीन के विकास की गति को दबाने की एक कोशिश है।
“पश्चिमी देशों ने हमेशा बदनामी की”
टिप्पणी में कहा गया है, “उन्होंने हमेशा बदनामी की लेकिन चीन ने हर तरह से विकास किया है, जिससे एक बड़ी आबादी के साथ स्थायी और स्थिर आर्थिक विकास का चमत्कार पैदा हुआ है।” चीनी सरकारी मीडिया संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) की ऐतिहासिक रिपोर्ट “8 बिलियन लाइव्स, इनफिनिट पॉसिबिलिटीज: द केस फॉर राइट्स एंड चॉइस” पर प्रतिक्रिया दे रहा था।
सीसीटीवी ने कहा, “पिछले कुछ समय से, पश्चिमी मीडिया सनसनीखेज रिपोर्टों की एक श्रृंखला को इस बहाने से पेश कर रहा है कि चीन का विकास बड़ी मुसीबत में पड़ने वाला है।” संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के ताजा आंकड़ों के अनुसार 142.86 करोड़ आबादी के साथ भारत ने इस मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है और सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश बन गया है। चीन की आबादी 142.57 करोड़ है और वह दुनिया का दूसरा, सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश हो गया है।
जनसंख्या में बुजुर्गों की संख्या बढ़ने के मुद्दे पर वांग ने कहा कि चीन ने इस संबंध में एक राष्ट्रीय नीति लागू की है जिसमें तीसरे बच्चे को जन्म देने की नीति और जनसांख्यिकीय बदलावों पर ध्यान देने के कदमों का समर्थन करना शामिल है। वांग ने कहा, ‘‘जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री ली क्विंग ने कहा है कि हमारा जनसंख्या लाभांश कम नहीं हुआ है और हमारा प्रतिभा लाभांश तेजी से बढ़ रहा है।’’
यूएनएफपीए की नयी रिपोर्ट के अनुसार भारत की 25 प्रतिशत आबादी 0 से 14 साल के आयु वर्ग में है। उसकी 18 प्रतिशत जनसंख्या 10 से 19 वर्ष, 26 प्रतिशत जनसंख्या 10 से 24 वर्ष, 68 प्रतिशत जनसंख्या 15 से 64 वर्ष के आयुवर्ग में और सात प्रतिशत आबादी 64 वर्ष से ऊपर उम्र वाली है। ली क्विंग ने मार्च में पद संभालने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘जनसांख्यिकीय लाभांश का आकलन करते समय हम केवल जनसंख्या के आकार को नहीं देखेंगे बल्कि उच्च क्षमता वाले कार्यबल के स्तर को भी देखेंगे।’’