खालिस्तानियों के मामले पर भारत ने UK से रोकी व्यापार वार्ता? ब्रिटिश मीडिया का दावा कितना सही
भारतीय अधिकारियों ने सोमवार को इन खबरों का खंडन किया कि भारत-ब्रिटेन व्यापार वार्ता ठप हो गई है। ऐसा दावा किया जा रहा था कि लंदन में खालिस्तान समर्थक समूहों से जुड़े हालिया हमलों के कारण व्यापार वार्ता रोक दी गई है। ब्रिटिश मीडिया की खबरों में कहा गया कि भारत ने मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर ब्रिटेन के साथ बातचीत को रोक दिया है। खबरों में कहा गया कि भारत चाहता है कि पिछले महीने लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमले के लिए जिम्मेदार संगठनों के खिलाफ और अधिक कड़ी कार्रवाई हो। भारतीय विदेश मंत्रालय से जुड़े एक सूत्र ने नई दिल्ली में कहा कि यह खबर आधारहीन है।
सूत्र ने कहा कि आधिकारिक वार्ता का अगला दौर 24 अप्रैल से लंदन में होने की संभावना है। ‘द टाइम्स’ अखबार ने ब्रिटिश सरकार के सीनियर सूत्रों का हवाला देते हुए दावा किया कि भारत सरकार ने पिछले साल जनवरी में शुरू हुई व्यापार वार्ता ‘रोक’ दी है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि 19 मार्च को लंदन में भारतीय उच्चायोग से तिरंगा उतारने और 2 अधिकारियों को घायल करने के लिए जिम्मेदार खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही इस मामले की सार्वजनिक निंदा के बिना इसमें आगे कोई प्रगति नहीं होगी।
ब्रिटेन ने भी व्यापार वार्ता को रोके जाने की रिपोर्ट को खारिज किया है। बिजनेस एंड ट्रेड डिपार्टमेंट के प्रवक्ता ने कहा, ‘यूके और भारत दोनों महत्वाकांक्षी व पारस्परिक रूप से लाभकारी FTA के लिए प्रतिबद्ध हैं। पिछले महीने व्यापार वार्ता के लेटेस्ट राउंड का समापन हुआ है।’ प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिटिश विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने लंदन में इंडियन मिशन में हिंसा की हालिया घटनाओं की निंदा की है। सरकार सुरक्षा की समीक्षा करने और भारतीय कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर मेट्रोपॉलिटन पुलिस के साथ काम कर रही है।
अखबार में किया गया यह दावा
अखबार के मुताबिक, ‘ब्रिटेन सरकार ने हमले की निंदा की है और भारतीय उच्चायोग में सुरक्षा की समीक्षा का वादा किया है, जबकि भारतीय अधिकारी चाहते हैं कि खालिस्तानी अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए उनकी सार्वजनिक निंदा की जानी चाहिए।’ गौरतलब है कि भारत ने दिल्ली में सबसे सीनियर ब्रिटिश राजनयिक को पिछले महीने इस मामले को लेकर तलब किया था। खालिस्तान समर्थक अलगाववादी तत्वों की ओर से भारतीय उच्चायोग में भारतीय ध्वज को उतारे जाने के बाद सुरक्षा व्यवस्था की गैरमौजूदगी पर सफाई मांगी थी।
झंडा उतारे जाने पर भारत ने जताया कड़ा विरोध
विदेश मंत्रालय ने कड़ा बयान जारी करते हुए कहा कि भारत को ब्रिटेन में भारतीय राजनयिक परिसरों और कर्मियों की सुरक्षा के लिए ब्रिटेन सरकार की बेरूखी देखने को मिली है, जो अस्वीकार्य है। मंत्रालय ने घटना में शामिल लोगों की पहचान करने, उन्हें गिरफ्तार करने और मुकदमा चलाने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की थी। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘उम्मीद है कि ब्रिटेन सरकार इस घटना में शामिल प्रत्येक व्यक्ति की पहचान, गिरफ्तारी और मुकदमा चलाने के लिए तत्काल कदम उठाएगी। साथ ही ऐसी घटनाओं के दोबारा होने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाएगी।’