तवांग में ‘मार खाने’ के बाद बदल गया चीन? भारत से अच्छे रिश्तों की दे रहा दुहाई
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में कुछ दिन चीनी आर्मी को कब्जा करने की कोशिश की थी लेकिन, सेना ने अदम्य साहस दिखाया और अचानक हुए इस हमले का मुंह तोड़ जवाब दिया। चीनी सैनिकों को न सिर्फ खदेड़ा उसके नापाक मंसूबों को भी पूरा नहीं होने दिया। तवांग में ‘मुंह की खाने’ के बाद ड्रैगन के तेवर अब बदल गए हैं। रविवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन भारत के साथ संबंधों को स्थिर और मजबूत करने के तैयार है। साथ ही हम दोनों सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाये रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को कहा कि चीन संबंधों के स्थिर और मजबूत विकास के माध्यम से भारत के साथ काम करने के लिए तैयार है।
भारत के साथ चीन के संबंधों पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए वांग ने कहा, ‘चीन और भारत ने राजनयिक और सैन्य-से-सैन्य चैनलों के माध्यम से संचार बनाए रखा है, और दोनों देश सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम साथ काम करने के लिए तैयार हैं। भारत चीन-भारत संबंधों के स्थिर और मजबूत विकास की दिशा में है।”
गौरतलब है कि चीन का यह बयान अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 9 दिसंबर को हुए आमने-सामने की पृष्ठभूमि में आया है। झड़प के बाद, जहां भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने एक बयान में कहा था कि भारत और चीन ने 20 दिसंबर को चुशूल-मोल्दो सीमा बैठक बिंदु पर कोर कमांडर स्तर की बैठक के 17वें दौर का आयोजन किया और सुरक्षा बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की।
बयान के अनुसार, “अंतरिम रूप से, दोनों पक्ष पश्चिमी क्षेत्र में जमीन पर सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर सहमत हुए।” MEA के बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष निकट संपर्क में रहने और सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत बनाए रखने और जल्द से जल्द शेष मुद्दों के पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर काम करने पर सहमत हुए हैं।