यूपीएससी की पहल पर इन CSE अभ्यर्थियों की राह हुई आसान, ली राहत की सांस
मुजफ्फरपुर. यूपीएससी सिविल सेवा और यूपीएससी भारतीय वन सेवा परीक्षा के अभ्यर्थियों का सर्टिफिकेट बनाने के लिए हर जिले में अलग काउंटर खुलेगा। ओबीसी व आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यर्थियों की शिकायत पर यह निर्णय लिया गया है। कम समय में सर्टिफिकेट न मिलने की शिकायत पर संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष ने सभी मुख्य सचिवों से बातकर इसकी व्यवस्था कराई है। इसके आलोक में सामान्य प्रशासन विभाग, बिहार ने सभी जिलों को अलग काउंटर खोलने का आदेश जारी कर दिया है। हर जिले में गुरुवार से इन अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र के लिए अलग काउंटर की व्यवस्था की जा रही है।
संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष ने मुख्य सचिव को बताया कि सिविल सेवा व भारतीय वन सेवा परीक्षा के आवेदन की अंतिम तिथि 21 फरवरी है। देश के तमाम हिस्सों से शिकायत आयी है कि कम अवधि के कारण ओबीसी व आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग का सर्टिफिकेट नहीं मिल पा रहा है। अभ्यर्थियों ने आयोग से शिकायत की थी कि इतने कम समय में प्रावधान के अनुसार उन्हें प्रमाणपत्र नहीं मिल पाएगा। अभ्यर्थियों की शिकायत पर संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष ने सभी राज्य के मुख्य सचिवों से कहा कि अभ्यर्थियों की परेशानी को देखते हुए हर जिले में इनके प्रमाणपत्र के लिए अलग काउंटर खोले जाएं। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी डीएम को आदेश दिया।
उल्लेखनीय है कि संघ लोक सेवा आयोग व भारतीय वन सेवा की परीक्षा के लिए 21 फरवरी तक आवेदन करना है और जिलों में जाति व आर्थिक रूप से वर्ग का सर्टिफिकेट बड़ी संख्या में लंबित है। आयोग के निर्देश पर जारी आदेश से अभ्यर्थियों ने राहत की सांस ली है।
इस वर्ष 1105 वैकेंसी
इस वर्ष आईएएस, आईपीएस समेत विभिन्न सिविल पदों पर 1105 वैकेंसी निकाली गई हैं। IAS, IPS, IRS, IFS बनना चाह रहे युवा www.upsc.gov.in या www.upsconline.nic.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2023 का आयोजन 28 मई को किया जाएगा। यह प्रतिष्ठित परीक्षा तीन चरणों –प्रारंभिक, मुख्य और व्यक्तित्व परीक्षण–में आयोजित की जाती है, जिसके जरिये भारतीय प्रशासनिक सेवा(आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा(आईपीएस) और भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) सहित अन्य सेवाओं के लिए अधिकारियों का चयन किया जाता है।
सेंटर पहले आओ पहले पाओ के आधार पर
प्रत्येक परीक्षा केंद्र में अभ्यर्थियों की संख्या सीमित (चेन्नई, दिसपुर, कोलकाता व नागपुर को छोड़कर) है। एग्जाम सेंटर फर्स्ट एप्लाई फर्स्ट अलॉट के आधार पर आवंटित किए जाएंगे। यानी आप जितना पहले आवेदन करेंगे, मनचाही एग्जाम सेंटर सिटी पाने के उतने ही ज्यादा चांस रहेंगे। इसके अलावा फॉर्म वापस लेने की सुविधा नहीं दी है।