धमकियां, गालियां और दबाव; समझें अनिल एंटनी ने क्यों छोड़े कांग्रेस में सभी पद
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी के बेटे अनिल ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। बीबीसी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर तैयार की गई विवादित डॉक्यूमेंट्री पर जारी तनाव के बीच उनका यह कदम चर्चा में आ गया है। हालांकि, वह इसके कई और भी कारण गिना रहे हैं। हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान पूरी कहानी साझा की।
क्यों दिया इस्तीफा?
इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में एंटनी ने इस्तीफे को लेकर खुलकर बात की। उन्होंने बताया, ‘यह कुछ समय से पक रहा था। मैंने पार्टी में पूरे तीन से चार साल तक काम किया। इन सालों में ऐसे साइबर अटैक जैसी कई घटनाएं हुईं और मैं हमेशा से जानता था कि ये हमले कांग्रेस के कुछ और खास कोनों और खासतौर से केरल से ही आर हे थे।’
उन्होंने आगे बताया कि कांग्रेस के प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व को जानकारी दी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ‘और मुझे पता है कि कुछ क्यों नहीं हुआ।’ उन्होंने बताया, ‘जो बीते 24 घंटों में हुआ है, उसने मुझे एहसास कराया कि मेरे जैसे किसी को असल में काम करने और संगठन में कुछ भी करने में मुश्किल होगी। क्योंकि दिन के अंत में आप एक ट्वीट से सहमत नहीं होंगे और इसके बाद… आप मेरे फेसबुक वॉल … मेरे व्हाट्सऐप मैसेज, टैक्स मैसेज पर जाएंगे। यह गालियों और धमकियों से भरा हुआ है। यह साइबर बुलिंग अपने चरम पर है और मैं जानता हूं कि यह कांग्रेस के कुछ कोनों से आ रही हैं।’
जयराम रमेश पर साधा निशाना
खबर है कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अनिल की तुलना ओमान चंडी के बेटे से चंडी ओमान से की थी। इसपर अनिल ने कहा कि उन्हें मिली हुई सभी जिम्मेदारियां पूरी क्षमता से निभाईं। उन्होंने कहा, ‘उसी समय मैं एक पेशेवर भी हूं और मेरे पास करने के लिए दूसरे काम भी हैं। दिन के अंत में मैं केवल इधर-उधर भागकर किसी को खुश करने के लिए काम नहीं करना चाहता।’
उन्होंने कहा, ‘अगर मिस्टर रमेश को वाकई लगता है कि मैं लोगों की गुड बुक्स में आने के लिए इधर-उधर भागकर लोगों के काम करूंगा, तो मुझे लगता है कि उनकी नजरों में एक व्यक्ति के तौर पर धारणा गलत है। मेरे पास जीवन में करने के लिए और भी काम हैं।’
बीबीसी विवाद में प्रतिक्रिया पर हुआ था विवाद
अनिल ने बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री को लेकर प्रतिक्रिया दी थी, जिसके बाद पार्टी में विवाद की खबरें आई थीं। ट्वीट के बाद की स्थिति पर उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग चाहते थे कि मैं ट्वीट वापस ले लूं, कुछ लोग चाहते थे कि मैं इसके लिए माफी मांगूं और कुछ लोग जवाब देना चाहते थे। लेकिन अंत में मुझे लगता है कि मैंने जो भी कुछ किया है, उसका आधार मेरा विश्वा है। मैंने कहा है कि मैं इसे वापस नहीं लेने वाला हूं।’
कांग्रेस में ट्वीट को लेकर प्रतिक्रिया पर उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की तरफ से उनपर दबाव आ रहा था। उन्होंने कहा, ‘खासतौर से कुछ तत्व केरल में थे, जो कह रहे थे कि वे मेरे खिलाफ उसे लेकर कार्रवाई करने वाले हैं, मुझे पार्टी से हटा देंगे, जिसपर मुझे 100 फीसदी भरोसा और जिसे 90 फीसदी देश स्वीकार करेगा कि ऐसी राजनीति राष्ट्रीय हितों से ऊपर नहीं आती है। मुझे नहीं पता कि इससे कई लोग क्यों नराज हो गए।’
भाषा के अनुसार, एंटनी ने ट्वीट कर अपने इस्तीफे की घोषणा की जिसमें उन्होंने कहा कि वृत्तचित्र के खिलाफ किए अपने ट्वीट को वापस लेने के लिए ‘असहिष्णु तरीके से’ कई लोग उन पर दबाव बना रहे हैं और इसी मामले से जुड़ी ‘नफरत/अपशब्दों की फेसबुक ‘वॉल” के कारण उन्होंने यह फैसला किया।
अनिल ने ट्वीट किया, ‘मैंने कांग्रेस में अपनी सभी भूमिकाओं से इस्तीफा दे दिया है। बोलने की आजादी के लिए लड़ने वाले लोग ट्वीट को वापस लेने के लिए असहिष्णु मांग कर रहे हैं। मैंने इनकार कर दिया। प्रेम को बढ़ावा देने का समर्थन करने वालों द्वारा नफरत/अपशब्दों की फेसबुक वॉल। इसी का नाम पाखंड है। जिंदगी चलती रहती है। नीचे त्याग पत्र का हिस्सा दे रहा हूं।’
उन्होंने अपने ट्विटर खाते पर अपने त्याग पत्र का एक हिस्सा पोस्ट किया, जिसमें लिखा है, ‘कल से हो रहे घटनाक्रमों के मद्देनजर मेरा मानना है कि मेरे लिए कांग्रेस में अपनी भूमिकाओं– केपीसीसी (केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी) डिजिटल मीडिया के संयोजक और एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) सोशल मीडिया एवं डिजिटल संचार प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सह-समन्वयक– को छोड़ना उचित होगा।’
अनिल ने कहा, ‘लेकिन, अब मुझे अच्छी तरह से पता चल गया है कि आप, आपके सहयोगी और आपके नजदीकी लोग केवल चापलूसों और चमचों के उस झुंड के साथ काम करने के इच्छुक हैं, जो बिना कोई सवाल किए आपके इशारे पर काम करें।’