26 जनवरी को जेल से रिहा हो सकते हैं नवजोत सिंह सिद्धू, राहुल गांधी ने भेजा श्रीनगर रैली का न्योता
क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू इन दिनों एक मामले में सजा काट रहे हैं। वह जेल में कैद हैं। 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के दिन उनकी रिहाई हो सकती है। कोर्ट ने उन्हें एक साल की सजा सुनाई थी। ऐसा माना जा रहा है कि उनकी 4 महीने की सजा माफ हो सकती है और वह इस दिन जेल से रिहा हो सकते हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के समापन समारोह में शामिल होने के लिए उन्हें आमंत्रित भी किया है। आपको बता दें कि पंजाब में रिहाई के लिए जिन 51 कैदियों की लिस्ट तैयार हुई है, उनमें सिद्धू के नाम भी शामिल है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सिद्धू को उस दिन 12 बजे दिन में रिहा हो सकते हैं। वहीं, उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी। पंजाब के सियासी गलियारों में इस बात भी चर्चा है कि नवजोत ने अपने पति के जेल से बाहर आने के बाद उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर चर्चा भी की। राहुल गांधी ने पंजाब में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सिद्धू को जेल से रिहाई के बाद पार्टी में जिम्मेदारी देने की बात कही थी।
उन्हें राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के समापन समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित भी किया गया है। आपको बता दें कि राहुल 30 जनवरी को श्रीनगर में एक बड़ी रैली करने जा रहे हैं।
सिद्धू को सुनाई गई थी एक साल की सजा
नवजोत सिंह सिद्धू को 1988 के एक रोड रेज केस में एक साल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि उनके अच्छे बर्ताव और बची हुई छुट्टियों को देखते हुए जेल प्रशासन उन्हें 8 महीने में ही रिहा करने पर विचार कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि जिन कैदियों की सूची रिहाई के लिए तैयार की गई है, उस मंत्री परिषद की बैठक में पेश किया जाएगा। मंत्री परिषद से मंजूरी के बाद इस सूची को गवर्नर के समक्ष मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
हालांकि, जेल प्रशासन के एक सूत्र ने कहा, ‘राज्य सरकार की ओर से नवजोत सिद्धू को कोई विशेष राहत नहीं दी जाएगी। कैदियों की रिहाई के लिए तय नियम होते हैं। इस लिस्ट में उन कैदियों को शामिल किया गया है, जो सजा की अवधि पूरी कर चुके हैं, लेकिन फाइन अदा न कर पाने की वजह से जेल में ही बंद हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे कैदी हैं, जिन्होंने अपनी 60 से 70 फीसदी सजा पूरी कर ली है और उनका व्यवहार अच्छा पाया गया है।’
जेल से रिहाई के नियम
कैदियों की रिहाई प्रक्रिया को लेकर नियम है कि जेल प्रशासन को नियमावली दी जाती है। इसके तहत तय किया जाता है कि किन कैदियों को रिहा किया जा सकता है। राज्य सरकार की ओऱ से कैदियों की रिहाई की तय नीतियों के अलावा केंद्र सरकार की भी एक पॉलिसी है। इसके तहत 15 अगस्त एवं 26 जनवरी को कैदियों की रिहाई की जाती है।
गौरतलब है कि इसी साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिद्धू को एक साल जेल की सजा सुनाई थी। इसके बाद 20 मई को नवजोत सिंह सिद्धू ने जिला अदालत में सरेंडर किया था और उन्हें पटियाला स्थित जेल में भेजा गया था। गौरतलब है कि इसी साल पंजाब विधानसभा चुनाव में नवजोत सिद्धू अमृतसर ईस्ट सीट से चुनाव हार गए थे।