बंगाल में नरसंहार! TMC नेता की हत्या के बाद भड़की हिंसा, एक ही परिवार के 7 लोगों समेत 12 को जिंदा जलाया

पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला के रामपुरहाट एक ब्लॉक अंतर्गत बदशाल ग्राम पंचायत के अधीन बागटुयी ग्राम निवासी उप प्रधान व तृणमूल कांग्रेस के जुझारू नेता भादू शेख की कथित तौर पर सोमवार देर शाम बम मारकर बदमाशों ने नृशंस हत्या कर दी. इसके बाद इलाके में हिंसा भड़क उठी. बदमाशों ने देर रात ही गांव के 10-12 घरों में फूंक दिया. दमकलकर्मियों ने बताया कि आगजनी में 12 शव बरामद हुए हैं. एक ही घर से 7 शव बरामद हुए हैं.

मलबे से शवों को निकाला गया

देर रात 3 शव बरामद हुए थे. मंगलवार सुबह 2 और लाशें जले हुए मकान से बरामद हुईं. घटना के बाद देर रात से ही इलाके में रैफ को तैनात कर दिया गया. पुलिस लगातार गश्ती कर रही है. दमकल की कई गाड़ियों ने आग को नियंत्रित किया. इसके बाद मलबे में से शवों को निकाला गया. एक साथ इतने लोगों की मौत से गांव के लोगों का गुस्सा भड़क उठा. लोगों में पुलिस और प्रशासन के खिलाफ जबर्दस्त आक्रोश देखा जा रहा है.

पुलिस महानिदेशक बोले- 11 लोग गिरफ्तार

पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक मनोज मालवीय ने कोलकाता में बताया कि टीएमसी नेता की हत्या के एक घंटे बाद ही 7-8 घरों को जला दिया गया. इस संबंध में 11 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. संबंधित एसडीपीओ और रामपुरहाट के थाना प्रभारी को उनके पद से हटा दिया गया है. सुबह 7 लोगों के शव बरामद हुए. शुरुआती दौर में 10 लोगों की मौत की सूचना थी, लेकिन यह संख्या सही नहीं थी. कुल 8 लोगों की मौत हुई है. जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है.

स्थानीय लोग मुंह खोलने को तैयार नहीं

घटना की सूचना के बाद तृणमूल के स्थानीय नेता मौका-ए-वारदात पर पहुंचे. उन्हें देखकर ग्रामीण भड़क गये. घटना की सूचना मिली, तो पुलिस भी पहुंची. बताया जाता है कि सोमवार की रात अणुव्रत मंडल के खास नेता तथा उप प्रधान भादू शेख की बम मारकर हत्या के बाद इलाके में हिंसा भड़क गयी. हालांकि, अभी तक स्पष्ट नहीं है कि इस आगजनी के पीछे कौन लोग हैं. इस संबंध में न तो पुलिस कोई जानकारी दे रही है, न ही स्थानीय लोग मुंह खोल रहे हैं.

फिरहाद हकीम बीरभूम पहुंचे

ममता बनर्जी के करीबी नेता एवं पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री फिरहाद हकीम तथा आशीष बनर्जी हेलीकॉप्टर से उस गांव पहुंचे. बीरभूम जिला तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष अणुव्रत मंडल ने कहा है कि संभवतः शॉर्ट सर्किट से और टीवी फटने से ही आग लगी होगी. घटना की सूचना मिलने के बाद ही बीरभूम के पुलिस अधीक्षक नागेंद्र नाथ त्रिपाठी घटनास्थल पर पहुंच गये हैं. घटना की जांच शुरू हो गयी है.

फॉरेंसिक टीम को जांच के लिए बुलाया गया

उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया जा रहा है. इस घटना के पीछे जो भी लोग होंगे, उन्हें गिरफ्तार किया जायेगा. अभी तक भादू शेख की हत्या मामले में एक संदेहभाजक को हिरासत में लिया गया है. एसपी ने बताया कि अभी तक 10 मृत देह बरामद हुए हैं. 3 लोग जली अवस्था में मिले, उन्हें रामपुरहाट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

थाना प्रभारी और एसडीपीओ को हटाया गया, SIT करेगी जांच

भादू शेख की हत्या मामले में कार्रवाई शुरू हो गयी है. थाना प्रभारी और एसडीओ को हटा दिया गया है. पूरे मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया गया है. रामपुरहाट थाना के ओसी को ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में क्लोज कर दिया गया. एसडीपीओ को हटाया दिया गया है. बीरभूम के पुलिस अधीक्षक नागेंद्र नाथ त्रिपाठी स्वयं जांच की निगरानी कर रहे हैं.

नबान्न में हाई लेवल मीटिंग, मांगी रिपोर्ट

बागटुयी गांव में भड़की हिंसा में इतने लोगों के मारे जाने की खबर से राज्य सचिवालय नबान्न भी हिल गया है. मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक ने आपात बैठक की. नबान्न की ओर से पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट तलब की गयी है. एडीजी (सीआईडी) ​​ज्ञानवंत सिंह के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है. टीम में दो आईपीएस मिराज खालिद और संजय सिंह को शामिल किया गया है.

राजनीतिक हिंसा नहीं: कुणाल घोष

तृणमूल (टीएमसी) के मीडिया समन्वयक कुणाल घोष ने दावा किया है कि राजनीतिक तनाव के बावजूद बागटुयी गांव में लगी आग से राजनीति का कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि उप प्रधान भादू शेख की हत्या राजनीतिक बदला का मामला था, लेकिन आग लगने और उसमें मरने वालों का मामला राजनीतिक नहीं है. वास्तविक तथ्यों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गयी है.

विपक्षी दलों ने जताया आक्रोश

भारतीय जनता पार्टी के बीरभूम जिला अध्यक्ष ध्रुव साहा ने सीधे तौर पर लोगों की मौत के लिए राज्य की कानून-व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा है कि ऐसे जघन्य कांड के बाद मुख्यमंत्री और पुलिस मंत्री ममता बनर्जी को इस्तीफा दे देना चाहिए. वहीं, सीपीएम के जिला सचिव गौतम घोष ने दावा किया कि यह नरसंहार इलाके की बालू खदानों और कोयला खदानों में लूटे गये पैसे की हिस्सेदारी के लिए हुए झगड़ों के कारण हुआ है.

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