जनवरी में इस बार पड़ेंगे चार प्रमुख स्नान पर्व, छह को पौष पूर्णिमा, यहां जानें स्नान पर्व की त
छह जनवरी को पौष पूर्णिमा से संगमतट पर कल्पवास शुरू हो जाएगा। उसके बाद पूरा संगम क्षेत्र तंबुओं की नगरी में नजर आएगा। सैकड़ों बीघे में बस रहा माघ मेला डेढ़ माह तक धर्म-कर्म, आस्था और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र रहेगा। जीवन-मृत्यु के बंधनों से मुक्ति की कामना के साथ कल्पवास करने के लिए श्रद्धालुओं के आने का क्रम जारी है। सोमवार को जारी, महेवा, कोरांव और नारी-बारी से श्रद्धालु टैक्ट्रर से कल्पवास के लिए सेक्टर चार पहुंचे। शिविर लगाने के लिए भूमि पूजन किया। माघ मेला छह जनवरी को पौष पूर्णिमा से शुरू होकर 18 फरवरी को महाशिवरात्रि पर संपनन होगा। सोमवार को एकादशी पर श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई।
इस बार सभी प्रमुख स्नान पर्व पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी जनवरी माह में ही पड़ेंगे। केवल माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि दो स्नान पर्व फरवरी में हैं। मुख्य स्नान पर्वों पर देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे। मेले में कल्पवास के लिए प्रयागराज के अलावा आसपास के जिलों से लोग आएंगे। डॉ. रामेश्वर प्रपन्नाचार्य के अनुसार चार जनवरी को प्रदोष है इसलिए पांच जनवरी को अधिक कल्पवासी संगम क्षेत्र आएंगे।
छह को पूर्णिमा का मान
उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक पं. दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार पूर्णिमा तिथि पांच जनवरी गुरुवार को रात में 130 बजे से शुरू होगी जो शुक्रवार को रात 313 बजे तक रहेगी। पूर्णिमा तिथि का मान शुक्रवार को सूर्योदय से सूर्यास्त तक रहेगा। इसी दिन शाकंभरी नवरात्रि का समापन भी होगा। भद्रा का योग दोपहर 217 बजे तक रहेगा।
17 जनवरी को शुरू होगी पंचकोसीय परिक्रमा
पंचकोसीय परिक्रमा परिक्रमा 17 जनवरी से शुरू होगी। कुम्भ मेला 2019 से शुरू हुई इस परिक्रमा को इस बार भी पूरा कराया जाएगा। जूना अखाड़े के संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरिगिरि ने बताया कि गंगापूजन से शुरू होकर परिक्रमा तीन दिन तक जिले के प्रमुख मंदिरों में जाएग। 19 जनवरी को महर्षि भरद्वाज के पूजन के साथ इसका समापन होगा।
यहां से अधिक कल्पवासी
कोरोना के कारण पिछले दो साल से जो लोग कल्पवास के लिए नहीं आ पाए थे वे भी संकल्प को पूरा करने के लिए आएंगे। आचार्य कल्पनेश ने बताया कि सबसे ज्यादा कल्पवासी प्रतापगढ़, कौशांबी, फतेहपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र, बनारस, सुल्तानपुर, कटनी, रीवा, जबलपुर से आते हैं। तीर्थ पुरोहित संदीप पांडेय ने बताया कि पिछले दो साल की अपेक्षा इस बार कल्पवासियों की संख्या अधिक रहेगी।
स्नान पर्व की तिथि
06 जनवरी पौष पूर्णिमा
15 जनवरी मकर संक्रांति
21 जनवरी मौनी अमावस्या
26 जनवरी वसंत पंचमी
05 फरवरी माघ पूर्णिमा
18 फरवरी महाशिवरात्रि