अजमेर में पारंपरिक रुप से मनाई जा रही है गुरुनानक जयंती

अजमेर. राजस्थान के अजमेर में 554वीं गुरुनानक देव जयंती उत्साह, आस्था और पारंपरिक तरीके से मनाई जा रही है।
अजमेर के गंज स्थित गुरुद्वारे से शोभायात्रा शुरू हुई जिसमें बड़ी संख्या में सिख समुदाय से जुड़े महिला, पुरूष, बच्चों ने शिरकत की। गाजे बाजे के बाद शुरू हुई इस शोभायात्रा में पंच प्यारे प्रतीक चिह्न लिए सबसे आगे चल रहे थे। सिख महिलाएं झाड़ू लगाते हुए सड़क की सफाई के साथ कारसेवा कर रही थी तो पुरुष पानी से छिड़काव कर सड़क को शुद्ध कर रहे थे।
शोभायात्रा में गुरुग्रंथ साहिब की सवारी को बहुत ही अदब व शिद्दत के साथ ले जाया जा रहा था। शोभायात्रा गंज गुरुद्वारे से शुरू होकर महावीर सर्किल, पुराना प्रभात सिनेमा, जयपुर रोड, पटेल मैदान की ओर होते हुए रेलवे ऑफिसर्स क्लब पहुंचेगी और वापसी में भी इसी मार्ग से दोपहर में शुरु होकर सायं गंज पर समाप्त होगी। रेलवे ऑफिसर्स क्लब पर कीर्तन दरबार सजाया गया है जिसमें दमदमी टक्साल के ज्ञानी निर्मल सिंह कथावाचक, जालंधर के संतोक सिंह, लुधियाना के तरनवीर सिंह रब्बी व हजूरी रागी सतपाल सिंह कीर्तन सुनाकर संगत को निहाल करेंगे और उसके बाद समाज में लंगर का आयोजन होगा।
अजमेर में गुरुनानक देव के प्रकाशोत्सव के मद्देनजर गंज गुरुद्वारा, हाथीभाटा गुरुद्वारा, अलवर गेट गुरुद्वारो को विशेष रोशनी से सजाया गया है और सभी जगह कीर्तन पाठ भी चल रहे हैं।
अजमेर के पुष्कर स्थित वृहद गुरुद्वारे को भी सजाया गया है जहां भी कीर्तन दरबार का आयोजन हो रहा है।

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