सरेंडर करने कोर्ट पहुंचा सूर्यकांत तिवारी

रायपुर। खनिज और परिवहन कारोबारी सूर्यकांत तिवारी ने जिला न्यायालय में सरेंडर कर दिया है। तिवारी ने अजय सिंह राजपूत के न्यायालय में सरेंडर किया है। सरेंडर के वक्त उसने अपना चेहरा ढंक रखा था इसलिए पहचानना मुश्किल था। बाद में जब उसने खुद को सरेंडर किया तो रायपुर न्यायालय में गहमागहमी मच गई।

जानते चलें कि ईडी को कई दिनों से सूर्यकांत तिवारी की तलाश थी। इसके खिलाफ बंगलुरू में एफआईआर भी दर्ज है जिसके बाद वह फरार चल रहा था। तिवारी का नाम प्रदेश में अवैध खनिज परिवहन मामले में सामने आया और ईडी के छापों के बाद उसकी गिरफतारी होने की सूचना थी लेकिन वह हो ना सकी। हालांकि उसके ​एक रिश्तेदार को रायगढ़ से गिरफतार किया जा चुका है।

तिवारी के सरेंडर करने के बाद अब सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई नेताओं तथा सरकार के बड़े अफसरों की धड़कनें तेज हो गई हैं। समझा जा रहा है कि उसके सीने में कई राज और नाम दफन हैं। यदि ईडी ने ज्यादती की तो तिवारी कई नामों का खुलासा कर सकता है। उसके कांग्रेस और भाजपा के कई नेताओं के साथ रिश्ते हैं।

बीते दिनों IAS अधिकारी समीर विश्नोई को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। उनके साथ कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी को भी जेल भेजा गया था। न्यायिक रिमांड की यह अवधि 10 नवम्बर को पूरी हो रही है। उस दिन तीनों आरोपियों को फिर से अदालत में पेश किया जाएगा। तिवारी के वकील फेजल रिजवी ने कहा कि ईडी के अधिकारी रिमांड पर लेने आवेदन बनवा रहे है।हम भी पूरी तरह से रिमांड को लेकर आश्वस्त है।

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