इस साल धनतेरस की तारीख को लेकर लोगों के बीच कंफ्यूजन है, जानें धनतेरस मनाना कब उत्तम-

धनतेरस पर्व को भी लेकर लोगों में संशय बना हुआ है। 22 अक्टूबर को धनतेरस शाम 6 बजकर 2 मिनट से शुरू होकर 23 को शाम 6 बजकर 3 मिनट तक रहेगी। ज्योतिषाचार्य का कहना है कि धनतेरस का पर्व सूर्योदयिनी तिथि के अनुसार 23 को मनाया जाना श्रेयस्कर है।

23 को ही धनतेरस

कृष्ण र्त्योदशी के ही दिन भगवान धन्वंतरि का प्राकट्य हुआ था। उनके प्राकट्योत्सव के कारण इस पर्व का नाम धनतेरस पड़ा। दूसरा महत्व यम दीपदान को लेकर है। इस दिन संध्या के समय प्रदोषकाल में मुख्यद्वार पर यमराज के निमित्त दीपदान किया जाता है। 23 को ही सूर्योदयिनी तिथि के अनुसार पर्व मनाना श्रेयस्कर है।

– विभोर इंदुसुत, ज्योतिषविद

23 अक्टूबर को धनतेरस

त्रयोदशी तिथि 22 को शाम 6 बजकर 02 मिनट से शुरू होकर 23 को शाम 6 बजकर 03 मिनट पर संपन्न होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 23 अक्टूबर को धनतेरस मनाया जाएगा। अगले दिन यानी 24 को रूप चतुर्दशी मनेगी। 24 अक्टूबर को सुबह रूप चतुर्दशी और शाम को दीपावली पर्व मनाया जाएगा। 26 तारीख को गोवर्धन पूजा और 27 को भाई दूज मनाई जाएगी। – आचार्य मनीष स्वामी, चैप्टर चेयरमैन, भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद

खरीदारी का मुहूर्त

● सुबह 751 से दोपहर 12 बजे तक लाभ अमृत चौघड़िया

● दोपहर 130 से 3 बजे तक शुभ चौघड़िया

● शाम 6 से रत 1030 बजे तक चर, लाभ अमृत चौघड़िया

● राहुकाल में न करें खरीदारी दिन शाम 430 बजे से 6 बजे तक राहुकाल

धनतेरस पर पूजन

धनतेरस पर शाम 6 बजकर 3 मिनट पर र्त्योदशी समाप्त हो रही है। इसलिए शाम 603 से पहले पूजा करना श्रेष्ठ रहेगा, शाम 540 से शुभ चौघड़िया भी आरंभ हो जाएगा, इसलिए 23 तारीख को धन तेरस पूजा के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त शाम 540 से 603 तक रहेगा। जो व्यक्ति इस मुहूर्त में धनतेरस पूजन ना कर पाएं वे इस समय के बाद भी पूजन कर सकते हैं। पूरे दिन ही त्रयोदशी तिथि व्याप्त है।

दोनों दिन करें खरीदारी

धनतेरस पर विशेष रूप से नए बर्तन, सोना, चांदी, आभूषण, नए वस्त्रत्त्, और गृह-सज्जा का समान खरीदना शुभ माना गया है। धनतेरस का दिन परमसिद्ध मुहूर्त भी होता है। इस दिन ऑफिस ओपनिंग, नीवपूजन, गृहप्रवेश, नए घर की बुकिंग, बिजनेस डील आदि और नए वाहन की खरीदारी भी बहुत शुभ मानी गई है। उल्लास के पर्व पर 22 व 23 दोनों को ही खरीदारी कर सकते हैं। – भारत ज्ञान भूषण, ज्योतिषविद

बन रहे विशेष योग

22 को भी यम दीपक जला सकते हैं। धनतेरस पर दोपहर 230 बजे से अमृत सिद्धि योग आरंभ हो जाएगा। धनतेरस पर सुबह 7.51 बजे से दोपहर 12 बजे के मध्य चर, लाभ और अमृत के शुभ चौघड़िया मुहूर्त रहेंगे जो खरीदारी के लिए बहुत शुभ समय होगा। – डा. पंकज झा, चीफ प्रोक्टर, बिल्वेश्वर संस्कृत महाविद्यालय

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