इंग्लिश का उड़ता था मजाक, 22 की उम्र में बना IPS ऑफिसर

नई दिल्ली. एक दिन प्राइमरी स्कूल में कलेक्टर निरीक्षण के लिए पहुंचे। कलेक्टर का रुतबा और जलवा जबरदस्त था। कलेक्टर को स्कूल में मिल रहे सम्मान को एक छोटा सा बच्चा काफी गौर से देख रहा था। उसने घर जाकर पूछा कि वो बड़ा आदमी कौन था जो स्कूल में आया था। उसे बताया गया कि वो जिले का राजा था। बच्चे ने पूछा कि वो राजा कैसे बनते हैं।

उसे कहा गया कि उसके लिए यूपीएससी नाम की एक परीक्षा पास करनी होती है। बस, उस बच्चे ने तभी से ठान लिया कि यूपीएससी परीक्षा पास करके ऐसा ऑफिसर बनना है। ये कहानी है सबसे कम उम्र में आईपीएस ऑफिसर बनने वाले सफीन हसन की। सफीन ने वर्ष 2018 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 570वीं रैंक हासिल की। यह उनका पहला प्रयास था। आज वह गुजरात में असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस हैं।

सफीन के पिता इलेक्ट्रिशियन थे। मां पहले डायमंड के कारखाने में काम करती थी, फिर उन्होंने शादी में रोटियां बनाने का काम किया। आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के चलते उनके लिए अपने सपने पूरे करना आसान नहीं था। गुजरात में पालनपुर जिले के कनोदर गांव के रहने वाले सफीन 10वीं तक गांव के सरकारी स्कूल से पढ़े जो कि गुजराती मीडियम था। 10वीं में 92 फीसदी मार्क्स आए। प्रतिभाशाली छात्र होने के चलते उन्हें पालनपुर के एक प्राइवेट स्कूल में कम फीस में एडमिशन मिल गया।

इंग्लिश बोलने का उड़ता था मजाक
स्कूलिंग के बाद सफीन  ने सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, सूरत से बीटेक किया। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘स्कूल से जब कॉलेज में आया, तब मेरा संघर्ष शुरू। साथी तब मेरी इंग्लिश बोलने के लहजे का मजाक उड़ाते थे। लेकिन मैंने अपना इंग्लिश बोलना जारी रखा। यूपीएससी का इंटरव्यू मैंने इंग्लिश में दिया और इसमें मैंने अच्छा स्कोर किया।’

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