भारत में वायु प्रदूषण से छोटी हो रही लोगों की जिंदगी

वायु प्रदूषण से भारतीयों की उम्र करीब 5 साल तक घट रही है। यह आंकड़ा 10 साल पहुंच सकता है। शिकागो यूनिवर्सिटी में ऊर्जा नीति संस्थान (ईपीआईसी) ने इस संबंध में रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नई दिल्ली, मध्य, पूर्व और उत्तर भारत के लोग भारी प्रदूषित इलाकों में रहते हैं। साथ ही पिछले कुछ सालों में भारत के एयर पॉल्यूशन स्तर में भौगोलिक रूप से विस्तार हुआ है। वायु की गुणवत्ता में गिरावट आई है।

भारत दूसरा सबसे प्रदूषित देश

वायु प्रदूषण भारत में मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक है। दिल्ली भारत का सबसे प्रदूषित है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित देश है। भारत में 2020 में खराब मौसम के कारण लोगों की जीवन प्रत्याशा 6.9 वर्ष कम हो गई थी। नेपाल (4.1 वर्ष), पाकिस्तान (3.8 वर्ष) और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में जीवन प्रत्याशा में 2.9 साल की गिरवाट आई है। ईपीआई के निष्कर्षों के अनुसार अगर बांग्लादेश विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुशंसित स्तक तक वायु गुणवत्ता में सुधार करता है। तब औसत लाइफ एक्सपेक्टेंसी में 5.4 साल की वृद्धि हो सकती है।

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