CCTV फुटेज में बैग ले जाता दिखा आफताब पूनावाला
श्रद्धा मर्डर केस में दिन-प्रतिदिन अहम खुलासे हो रहे हैं। दिल्ली की महरौली थाना पुलिस को एक सीसीटीवी कैमरे की फुटेज हाथ लगी है, जिसमें आफताब सड़क पर घूमते हुए दिखाई दे रहा है। इसमें उसकी पीठ पर एक बैग और हाथ में कुछ सामान है। पुलिस को आशंका है कि वह वारदात से जुड़ा सामान फेंकने जा रहा है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह फुटेज 18 अक्टूबर को सुबह करीब चार बजे की है। इसमें आफताब पीठ पर बैग लादे हुए तेजी से जाता हुआ दिखाई दे रहा है। वह छतरपुर इलाके में एक कैमरे में कैद हुआ था। यह फुटेज आफताब की सीडीआर खंगालने के बाद उसकी गतिविधियों की जांच के बाद तलाशी गई है। फिलहाल आफताब ने इस फुटेज के बारे में बताया कि उसे याद नहीं है कि वह कहां जा रहा है। पुलिस इस फुटेज के आधार पर आफताब की गतिविधियों की जांच कर रही है।
फोन में चलाए गए ऐप का पता करेगी पुलिस
महरौली पुलिस इस पूरी जांच के लिए वैज्ञानिक और तकनीकी साक्ष्यों पर भरोसा कर रही है। आफताब का रहस्य खोलने के लिए पुलिस उसके आईपीडीआर (इंटरनेट प्रोटोकाल डिटेल रिकॉर्ड) की जानकारी लेगी।
दरअसल, आफताब ने अपने फोन से कई ऐप को हटा दिया है। इसके अलावा गूगल ऐप पर भी अपने एकाउंट से इसे हटा दिया था। इसके माध्यम से पुलिस आफताब के फोन में चलने वाले ऐप और इंटरनेट के इस्तेमाल के बारे में पता करेगी। आफताब के छह माह की गतिविधियों की जानकारी हासिल की जा रही है।
श्रद्धा ने मदद मांगी थी, सोचा नहीं था ऐसा होगा
श्रद्धा ने अपने पूर्व सहकर्मी को आफताब द्वारा मारपीट करने की जानकारी दी थी। इसका खुलासा पूर्व सहकर्मी करण ने किया। उसने कहा कि कभी सोचा नहीं था कि आफताब इस हद तक चला जाएगा। नवंबर 2020 में श्रद्धा ने पहली बार आफताब के द्वारा मारपीट करने की जानकारी दी थी।
वह पुलिस के पास जाने वाली थी, लेकिन आफताब के माता-पिता के हस्तक्षेप के बाद मामला सुलझ गया था। श्रद्धा ने बीते साल मार्च तक उसके साथ काम किया था। इस मारपीट के बारे में श्रद्धा के साथ वॉट्सऐप पर उनकी बातचीत का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल है।
करण ने कहा कि आम दिनों में श्रद्धा दफ्तर में काफी खुश नजर आती थी, लेकिन कुछ दिनों में जब आफताब से झगड़ा होने के बाद उसने खुद को अलग-थलग कर लिया, ताकि उसे झूठ न बोलना पड़े।
ऑनलाइन फ्रिज बेचने की फिराक में था
आफताब ने बताया कि वह फ्रिज सहित अन्य सामान ऑनलाइन बेचने वाला था। मुंबई पुलिस उससे पूछताछ कर चुकी थी, इसलिए वह कोई ऐसी हरकत नहीं करना चाहता था, जिससे किसी को शक हो। मामला शांत होने पर सभी सामान ऑनलाइन बेचकर इलाका छोड़कर जाने की तैयारी में था। वह इसके लिए पुराना फोन और फर्जी कागजों पर ली गई सिम का उपयोग करता। उसे आशंका थी कि पुलिस उस तक पहुंच सकती है।