हिंदुओं के कत्लेआम से खौफ, खीर भवानी मेले का बहिष्कार करेंगे कश्मीरी पंडित, ट्रस्ट ने भी की थी अपील
खीर भवानी मंदिर में कश्मीरी पंडितों की गहरी आस्था रही है। 1990 में पलायन करने वाले कश्मीरी पंडित भी बड़ी संख्या में यहां पहुंचते रहे हैं। इस मेले को कश्मीरी पंडितों की पहचान माना जाता रहा है। इसे कश्मीरी पंडितों का मुख्य त्योहार भी कहा जाता है। यह धार्मिक सद्भाव और कश्मीरियत का प्रतीक रहा है। यहां हर साल बड़ी संख्या में भक्त, मुख्य रूप से कश्मीरी पंडित वार्षिक मेले में भाग लेते हैं।
बड़े पैमाने पर पलायन की तैयारी में कश्मीरी पंडित
दरअसल, टारगेटेड किलिंग के चलते बड़े पैमाने पर घाटी से कश्मीरी पंडित पलायन करने की तैयारी में हैं। यह सिलसिला शुरू भी हो गया है। अनंतनाग के मट्टन स्थित ट्रांजिट कैंप में रहने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि गुरुवार को 100 से अधिक लोग जम्मू की ओर पलायन कर गए। कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति (केपीएसएस) के अध्यक्ष संजय टिक्कू ने भी इसकी पुष्टि की है।