देश में हर धर्म में बढ़ा नॉनवेज का क्रेज, जानिए सबसे ज्यादा मांसाहारी किस समुदाय में

किसी व्यक्ति को शाकाहारी होना चाहिए या मांसाहारी ये उसका निजी फैसला है. दोनों के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं. लेकिन बदलते समय के साथ लोगों की सोच बदली है. नजरिया बदला है. एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की बड़ी आबादी को अब नॉनवेज खाना पसंद आ रहा है. पिछले 6 सालों में ये संख्या इतनी बढी है कि किसी को भी हैरत में डाल सकती है. हाल ही में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट आई. जिसके मुताबिक  देश के 16 राज्यों में लगभग 90 फीसदी लोग नॉनवेज का सेवन करते हैं. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की साल 2015-16 की रिपोर्ट के मुकाबले 2019-21 के डेटा में बड़ा अंतर है. हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, यहां तक कि जैन धर्म में भी नॉनवेज खाने वालो की संख्या बढ़ी है.

हिंदू धर्म में मांसाहारी-
हिंदू धर्म में नॉनवेज खाने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. 6 साल पहले  करीब 73 प्रतिशत लोग थे जो नॉनवेज खाते थे. इसके बाद 5 सालों में ये संख्या करीब 4 प्रतिशत बढ़ी. यानी साल 2019-21 के दौरान नॉनवेज खाने वालों की संख्या 77.95 प्रतिशत हो गई.

मुस्लिम धर्म में मांसाहारी-
मुस्लिम धर्म में नॉनवेज खाने वालों की संख्या में मामूली बढ़ोतरी हुई है. साल 2015-16 के बीच नॉनवेज खाने वालों की संख्या 97.66 प्रतिशत थी. जिसमें इजाफा हुआ और ये आंकड़ा 97.96 हो गया है.

ईसाई धर्म में नॉनवेज का क्रेज-
ईसाई धर्म में पहले से लोगों में नॉनवेज खाने का क्रेज है. और जो लोग पहले नहीं खाते थे उन लोगों को भी नॉनवेज पसंद आया है. साल 2015-16 के बीच करीब 97.03 प्रतिशत लोग नॉनवेज खाते थे. इसके बाद ये आंकड़ा बड़ा और 97.64 फिसदी लोगों को नॉनवेज खाने लगे हैं.

सिख धर्म में नॉनवेज का शौक-
सिख धर्म का भी नॉनवेज खाने वालों की संख्या बढ़ी है. साल 2015-16 के बीच सिख धर्म के 54.74 प्रतिशत लोग नॉनवेज खाते थे. पिछले 6 सालों में आंकड़ा बढकर करीब  56.84 प्रतिशत हो गया है.

बौद्ध धर्म में नॉनवेज का क्रेज-
सबसे ज्यादा नॉनवेज खाने वालों की संख्या बौद्ध धर्म में बढ़ी है. करीब 92.68 प्रतिशत लोग साल 2015-16 के बीच नॉनवेज खाते थे लेकिन साल 2019-21 के बीच ये संख्या 97.75 प्रतिशत हो गई है. यानी करीब 5 प्रतिशत तादाद बढी है.

जैन धर्म में भी बढ़ी संख्या-
रिपोर्ट के मुताबिक जैन धर्म में भी नॉनवेज खाने वालों की संख्या बढी है. साल 2015-16 के बीच 7.29 फिसदी जैन मतावलंबी नॉन वेज खाते थे. 2019-21 के आकंड़ों में जैन धर्म में नॉनवेज खाने वालों की संख्या डबल यानी 14.9 प्रतिशत हो गई है.
NFHS के चौथे और पांचवे सर्वे के आंकड़ों से साफ है कि हर धर्म में नॉनवेज खाने वालो की संख्या में बढ़ोतरी हुई हैं. उन लोगों में भी नॉनवेज का क्रेज बढ़ा है जिन लोगों ने कभी नॉनवेज को हाथ नहीं लगाया. सबसे ज्यादा नॉनवेज खाने वालों की संख्या लक्षद्वीप में हैं. लक्षद्वीप में सबसे ज्यादा 98.4 प्रतिशत पुरुष मांस खाते हैं. वहीं सबसे कम नॉनवेज खाने वालों की लिस्ट में राजस्थान का नाम ऊपर है. राजस्थान में केवल 14 प्रतिशत पुरुष ही नॉनवेज खाते हैं. हालांकि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट से एक और बात साफ होती है कि रोज मांस खाने वालों की संख्या अब भी बेहद कम है. सिर्फ 2.3% पुरुषों ने ही कहा कि वे रोज नॉनवेज खाते हैं जबकि महिलाओं में ये आंकड़ा सिर्फ 1.4% है.

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