Chhattisgarh News: स्वामी आत्मानंद स्कूलों में लैब अटेंडर के भरोसे पढ़ाई, छात्र-छात्राओं की बढ़ी चिंता"/> Chhattisgarh News: स्वामी आत्मानंद स्कूलों में लैब अटेंडर के भरोसे पढ़ाई, छात्र-छात्राओं की बढ़ी चिंता"/>

Chhattisgarh News: स्वामी आत्मानंद स्कूलों में लैब अटेंडर के भरोसे पढ़ाई, छात्र-छात्राओं की बढ़ी चिंता

रायपुर l Chhattisgarh News:छत्‍तीसगढ़ के रायपुर जिले में संचालित कई स्वामी आत्मानंद स्कूलों में भौतिकी विषय के व्याख्याता नहीं हैं। लैब अटेंडर के भरोसे भौतिकी विषय की कक्षाएं चल रही हैं। जहां पर वैकल्पिक व्यवस्था करके विषय की पढ़ाई करवाई जा रही है। ज्यादा दबाव होने के कारण शिक्षक विषय पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। चुनावी वर्ष होने के कारण स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित है।

अरुंधती देवी शासकीय अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यायलय आरंग में भौतिकी, प्रियदर्शनी शासकीय अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय नेवरा तिल्दा में भी भौतिकी विषय के शिक्षक नहीं हैं। इन दोनों स्कूलों में भौतिकी की पढ़ाई लैब अटेंडर के भरोसे चल रही है।

इसके अलावा काशीराम शर्मा शासकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय भनपुरी, स्वामी आत्मानंद विद्यालय खरोरा में वाणिज्यिक विषय के शिक्षक नहीं हैं। विषय विशेषज्ञ न होने के कारण छात्रों का भविष्य अंधकार में है। नवंबर और आधा दिसंबर का महीना चुनाव में बीत जाएगा। छात्रों के पास बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए महज एक से डेढ़ महीने का समय बचेगा। स्कूलों में भौतिकी, गणित, वाणिज्य जैसे मुख्य विषयों के व्याख्याता नहीं हैं।

प्राचार्यों ने बताया कि विभाग को कई बार पत्र लिखा है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हो पाया है। कई स्कूलों में तो जुलाई-अगस्त से ही शिक्षक नहीं हैं। वहां पर तो बच्चों की स्थित तो बेहद चिंताजनक है। बिना शिक्षकों के निजी स्कूलों को टक्कर कैसे दे पाएंगे।

दो विषय पढ़ाने के कारण शिक्षकों पर दबाव ज्यादा

स्कूलों में जिस विषय के शिक्षक नहीं है, वह विषय दूसरे शिक्षक पढ़ा रहे हैं। अपने विषय के साथ-साथ अतिरिक्त विषय पढ़ाने के कारण शिक्षकों में दबाव ज्यादा है, जिसके कारण भी पढ़ाई की गुणवत्ता में प्रभाव पड़ रहा है। कई स्कूलों में तो अलग-अलग दिन अलग-अलग शिक्षक आकर विषय को पढ़ाते हैं, जिसके कारण भी छात्रों को विषय बहुत समझ में नहीं आता है। बहुत सारे शिक्षकों की चुनाव में ड्यूटी लग जाने के कारण भी पढ़ाई नहीं हो पा रही है।

विभाग को कई बार लिख चुके हैं पत्र

स्कूलों में विषय के शिक्षक नहीं होने के बारे पर बातचीत करने पर प्राचार्यों ने बताया कि विभाग को कई बार पत्र लिख चुके हैं। विभाग की तरफ से हर बार आश्वासन मिलता है कि जल्द ही शिक्षक देंगे। कई महीने बीत जाने के बाद भी शिक्षक नहीं होने के कारण विषय की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

नौवीं और ग्यारहवीं कक्षाओं में ज्यादा दिक्कत नहीं है, लेकिन दसवीं और बारहवीं में बहुत दिक्कत है। इन छात्रों को बोर्ड की परीक्षाएं देनी है। नियमित शिक्षक नहीं होने के कारण विषय की तैयारी करना छात्रों के सामने एक बड़ी चुनौती है। मार्च के प्रथम सप्ताह से बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी।

रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी हिमांशु भारतीय ने कहा, बहुत सारे लोगों का रेगुलर भर्ती में चयन हो जाने के कारण वे इस्तीफा देकर चले गए, इस कारण स्कूल खाली हो गए। आचार संहिता लगी हुई है, हमने सभी रिक्त पदों के विज्ञापन निकाल रखा है। आयोग से परमिशन मिलने के बाद भर्ती प्रक्रिया पूर्ण कर लेंगे। परमिशन नहीं मिलने की स्थिति में चुनाव आचार संहिता तक स्कूलों में वैकल्पिक व्यवस्था के आधार पर पढ़ाई जारी रहेगी।

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