नशीली दवाइयों की बड़ी मंडी बनता जा रहा UP का यह शहर, 3 साल में ड्रग 250 करोड़ की दवाएं बरामद की

आगरा. ताजनगरी दवा के अवैध कारोबार की मंडी बनता जा रहा है. आगरा में सैंपल ही नहीं नशा और नकली दवाओं का कारोबार कई बार पकड़ में आ चुका है. दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और बिहार तक यहां से नकली व नशीली दवाएं दी जाती हैं. पंजाब पुलिस और मध्य प्रदेश की नारकोटिक्स की टीम आगरा में कई बार कार्रवाई कर चुकी है. आपको बता दें अब तक 3 साल में ड्रग विभाग ने आगरा से 250 करोड़ की दवाएं बरामद की हैं.

ताजनगरी में अवैध और नशीली दवाओं का पकड़ा जाना कोई नया मामला नहीं है. इससे पहले भी ताजनगरी में कई बार भारी मात्रा में अवैध और नशीली दवाओं का जखीरा पकड़ा गया है. इसके बावजूद नशीली दवाओं का व्यापार करने वाले माफिया ड्रग विभाग को धता बताकर अपना काम आसानी से कर रहे हैं.

सहायक आयुक्त औषधि अखिलेश जैन ने बताया कि आगरा से नकली और नशे की दवाओं के कई गैंग पहले भी पकड़े जा चुके हैं. इस तरह के गैंग पकड़ने के लिए एसटीएफ के साथ संयुक्त कार्रवाई की जा रही है. जो भी आरोपी पकड़े जाएंगे उन पर सख्त कार्रवाई होगी. वहीं जिला आगरा केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आशू शर्मा का कहना है कि नशे और नकली दबाव के माफिया बिहार, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों में दवा की कालाबाजारी कर रहे हैं. ऐसे में मेरा सरकार से निवेदन है कि वह ऐसे माफियाओं पर उच्चस्तरीय कार्रवाई करे ताकि नशीली व अवैध दवाई के कारोबार पर रोक लगाई जा सके.

आगरा में अब तक हुये खुलासे

  • थाना एत्माद्दौला क्षेत्र की एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में 2019 में 20 लाख की दवाएं जब्त की गई थी.
  • सिकंदरा में दो गोदामों से करीब सवा करोड़ रुपए की नशे की दवाएं 2019 में बरामद हुई.
  • फ्रीगंज में ग्वालियर की टीम ने करीब 225 करोड़ की नशे की दवाएं 2019 में जब्त की.
  • कमला नगर और विजय नगर कॉलोनी में 2019 में ड्रग विभाग को गोदाम से 20 लाख रुपए की नशे की दवाएं मिली.

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