गूगल दिसंबर में नए AI टूल को कर सकता है रिलीज, ब्राउजर को कंट्रोल करके ऑटोमैटिक होगा काम

टेक दिग्गज कंपनी गूगल एक नए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सिस्टम पर काम कर रहा है। यह किसी पर्सनल कंप्यूटर के वेब ब्राउजर को कंट्रोल करते कई काम खुद ब खुद यानी ऑटोमैटिक तरीके से कर सकता है। द इंफॉर्मेशन की रिपोर्ट के अनुसार, इस सिस्टम को गूगल अपने अगले फ्लैगशिप जेमिनी लार्ज लैंग्वेज मॉडल (Gemini AI) के रिलीज के साथ ही जार्विस को रिलीज कर सकता है।

HIGHLIGHTS

  1. यूजर्स के वेब ब्राउजर को नियंत्रित कर सकता है।
  2. यह सर्च और खरीदारी जैसे काम कर सकता है।
  3. दिसंबर तक यह AI जार्विस हो सकता है रिलीज।

डिजिटल डेस्क। गूगल एक ऐसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिस्टम पर काम कर रहा है, जो टेक्नोलॉजी की दुनिया में बड़ा क्रांतिकारी कदम साबित होगा। द इंफॉर्मेशन की रिपोर्ट के अनुसार, इस नई टेक्नोलॉजी का कोडनेम प्रोजेक्ट जार्विस है। यह यूजर्स के वेब ब्राउजर को नियंत्रित कर सकता है।

इसके साथ ही यह सर्च और खरीदारी जैसे काम भी कर सकता है। बताया जा रहा है कि गूगल अपने अगले फ्लैगशिप जेमिनी लार्ज लैंग्वेज मॉडल (Gemini AI) के रिलीज के साथ ही जार्विस को रिलीज कर सकता है।

पूरे कंप्यूटर पर नहीं करेगा नियंत्रण

इस नए टूल के बारे में गूगल की तरफ से बताया गया है कि यह पूरे पर्सनल कंप्यूटर पर नियंत्रण नहीं करेगा। यह सिर्फ ब्राउजर के भीतर कुछ काम एक एडिट करने पर फोकस करेगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि गूगल एजेंट अवधारणा को एक कदम आगे ले जाने की कोशिश कर रहा है। इसमें सॉफ्टवेयर किसी व्यक्ति के कंप्यूटर या ब्राउजर से सीधे इंटरैक्ट करता है।

माइक्रोसॉफ्ट भी चाहता है ओपनएआई

बताते चलें कि इससे पहले यह भी खबर आई थी कि माइक्रोसॉफ्ट समर्थित ओपनएआई (OpenAI) भी चाहता है कि उसके मॉडल “सीयूए” या कंप्यूटर का उपयोग करने वाले एजेंट की सहायता से वेब को इंडिपेंडेंट रूप से ब्राउज करके शोध करें। यह इसके निष्कर्षों के आधार पर एक्शन ले सकता है।

यानी इसे ऐसे समझ सकते हैं कि गूगल का AI सिस्टम टारगेटेड होगा, जो कई तरह के कामों को अंजाम देने के लिए डिजाइन किया गया होगा। गौरतलब है कि एजेंटिक AI सिस्टम का इस्तेमाल कंप्यूटर पर स्पेसिफिक टास्क को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है।

यह ऑटोमैटिक वाहनों और रोबोटों को चलाने आदि के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं। ये कंप्यूटर विजन का इस्तेमाल करके बाहरी वातावरण का विश्लेषण कर सकते हैं। इसके साथ ही विशेष सॉफ्टवेयर की मदद से बटन दबाने, कर्सर मूवमेंट करने जैसे काम भी कर सकते हैं।

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