Diwali 2024: सेहत पर ग्रहण लगा सकता है आपका पटाखे जलाने का शौक, डॉक्टर ने बताए इसके गंभीर नुकसान
दीवाली का त्योहार आने में अब कुछ ही दिन बाकी है। पांच दिनों तक चलने वाले इस दीपोत्सव की शुरुआत धनतेरस से हो जाती है और इसी से साथ पटाखे जलाने का दौर भी शुरू हो जाता है। हालांकि पटाखे प्रदूषण बढ़ाने के साथ ही सेहत को भी गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे पटाखों से कुछ साइड इफेक्ट्स।
- दीवाली का त्योहार बस आने वाला है। हर कोई इसकी तैयारियों में लगा हुआ है।
- इस पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है और हर तरफ पटाखों का शोर सुनाई देने लगता है।
- हालांकि, पटाखे जलाने का शौक आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
क्यों हानिकारक है पटाखे
पटाखों से हो सकता है कैंसर
डॉक्टर ने बताया कि पटाखों से निकलने वाला धुंआ और आतिशबाजी वाले पटाखों में कॉपर, कैडमियम जैसे हानिकारक केमिकल्स होते हैं, जो किसी जहर से कम नहीं हैं। कैडमियम और लेड कैंसर जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारी का कारण बन सकते हैं। साथ ही पटाखों से निकलने वाला धुंए से न सिर्फ सांस की समस्या हो सकती है, बल्कि एनीमिया और कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है, जो आमतौर पर वायु प्रदूषण से नहीं होते हैं।
कानों को पहुंचाता है नुकसान
डॉक्टर बताते हैं कि पटाखे हमारे कानों के लिए भी हानिकारक हो सकते हैं। दरअसल, 60 डेसिमल के ज्यादा साउंड कानों के लिए नुकसानदेह होता है। ऐसे में पटाखों की तेज आवाज कई लोगों में सिर दर्द और एंग्जायटी की बन सकती है। साथ ही 80 डेसिमल से ज्यादा की आवाज हमेशा के लिए बच्चों को कानों को खराब कर सकती है। आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले पटाखों की आवाज 140 डेसिमल से भी ऊपर होती है और इस तरह यह हमारे कानों के लिए काफी हानिकारक होते हैं।
इतना ही नहीं पटाखों की वजह से न सिर्फ कान के पर्दे फटने का खतरा बना रहता है, बल्कि गर्भवती महिलाओं में इसकी वजह से मिसकैरेज होने का खतरा भी काफी ज्यादा बढ़ जाता है। साथ ही छोटे बच्चों के सुनने की क्षमता भी हमेशा के लिए खत्म हो सकती है।