Fast Internet: मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के डार्क फाइबर ने खोली किफायती व तेज इंटरनेट की राह

मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के डार्क फाबइर को देश की चार कंपनियों ने लीज पर लिया है। इन लाइनों में 44 टेराबाइट की स्पीड से डाटा ट्रांसफर होगा, जो 5जी की स्पीड से बहुत ज्यादा है। ट्रांसमिशन कंपनी आठ पेयर से करंट, वोल्टेज, पावर कम्युनिकेशन आदि में उपयोग करेगी।

 ग्वालियर (Dark Fiber Fast Internet)। मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के डार्क फाइबर लीज पर लेने वाली देश की चार टेलीकाम कंपनियों के काम शुरू कर दिए जाने से प्रदेश में किफायती और तेज इंटरनेट की राह आसान हो गई है। कंपनियों ने लीज पर यह सुविधा ओपन टेंडर के द्वारा प्राप्त की थी।

इससे दूरदराज के इलाकों में तेज इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलने लगेगी। रिलायंस जिओ इन्फोकाम लिमिटेड, सिफी टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, भारती एयरटेल लिमिटेड व लाइटस्टार्म टेलीकाम लिमिटेड प्रदेश और ग्वालियर में काम कर रही हैं। मध्य प्रदेश में निजी कंपनियों द्वारा काम शुरू किए जाने से 5जी कनेक्टिविटी हो जाएगी, इससे डेटा के दामों में कमी आएगी।

ऑप्टिकल ग्राउंड वायर नेटवर्क

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मध्य प्रदेश ट्रांसमिशन कंपनी के 88 हजार टावरों के साथ ग्वालियर के रास्ते तेज इंटरनेट व मोबाइल नेटवर्क की सुविधा नोएडा, हरियाणा के गुरुग्राम, राजस्थान राज्य के साथ अन्य सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक पहुंच सकेगी। इसके साथ ही महाराष्ट्र, गुजरात, उडीसा, तमिलनाडु राज्य के लिए भी मध्य प्रदेश के ओपीजीडब्ल्यू (ऑप्टिकल ग्राउंड वायर) नेटवर्क के खाली डार्क फाइबर्स डेटा का आदान-प्रदान हो सकेगा।

जंगल से होकर गुजरता है 17 हजार टावरों का नेटवर्क

मध्य प्रदेश ट्रांसमिशन कंपनी के प्रदेश भर में करीब 17 हजार टावरों का नेटवर्क जंगल से होकर गुजरता है। ट्रांसमिशन कंपनी ने डार्क फाइबर के आठ पेयर अपने उपयोग के लिए रखकर अतिरिक्त चार पेयर निजी कंपनियों को लीज पर दिए हैं। इनके जरिए निजी टेलीकाम कंपनियां अपने नेटवर्क का फैलाव दूरवर्ती इलाकों के साथ अन्य राज्यों के सुदूर इलाकों में करेंगी। इससे ट्रांसमिशन कंपनी को करीब 70 करोड़ की आय होगी।

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डेटा की स्पीड 44 टेराबाइट प्रति सेकेंड होगी

लाइनों में डेटा की स्पीड 44 टेराबाइट प्रति सेकंड होगी, जो 5जी नेटवर्क से कहीं ज्यादा तेज और सुरक्षित होगी। इस पूरे कार्य को संभालने के लिए ट्रांसमिशन कंपनी ने मेंटेनेंस टीम तैयार की है। कंपनी ने एक पेयर में दो डार्क फाइबर कंपनियों को दिए हैं।

इनमें एक डेटा आने और दूसरा डेटा जाने में उपयोग होगा। ट्रांसमिशन कंपनी आठ पेयर से करंट, वोल्टेज, पावर कम्युनिकेशन आदि में उपयोग करेगी। ओपीजीडब्ल्यू में आने वाले फाल्ट का भी तत्काल पता लगाकर सुधार संभव होगा।

फैक्ट फाइल

  • प्रदेश भर में टावर : 88000
  • जंगली इलाकों में टावर की संख्या : 16000
  • ग्वालियर में टावर : 2500
  • ग्वालियर के जंगली इलाकों में टावर : 500
  • लाइन का फैलाव : 42 किलोमीटर तक
  • लाइन डाली गई : 12 पेयर में

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