प्रेग्नेंसी में गर्मी से छूट रहा है पसीना, इस चीज को पीकर महसूस होगी बर्फ-सी ठंडक, पोषण भी मिलेगा भरपूर
प्रेग्नेंसी में संतुलित आहार लेने और ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक चीजें खाने की सलाह दी जाती है लेकिन गर्मी के मौसम में ज्यादा खाया नहीं जाता है और बस मन करता है कि ठंडी चीजें पीते रहें। गर्मी में आपका भी ऐसा मन कर रहा है तो आप अंगूर की लस्सी बनाकर पी सकती हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि गर्भवती महिला अपने लिए अंगूर की लस्सी कैसे बना सकती है और इससे उसे एवं उसके बच्चे को क्या पोषण मिलेगा।क्या-क्या चाहिए
अंगूर की लस्सी बनाने के लिए आपको दो कप कालू अंगूर, एक कप ताजी लो फैट दही, एक कप लो फैट दूध, 4 चम्मच चीनी और बर्फ के कुछ टुकड़े चाहिए।
ग्रेप लस्सी कैसे बनाएं
ग्रेप लस्सी बनाना बहुत ही आसान है। इसे बनाने के लिए आप सभी चीजों को एकसाथ ब्लेंड कर दें और फिर इसमें बर्फ डाल दें। इसे गिलास में डालकर सर्व करें।
ये टिप आएगा काम
काले अंगूर दही के साथ अच्छी तरह से ब्लेंड हो जाते हैं और इससे फाइबर भी खूब मिलता है। गर्मियों में प्यास को बुझाने के लिए लस्सी बहुत अच्छी रहती है और इससे पोषण भी खूब मिलता है।
कितना है पोषण
एक गिलास लस्सी में 105 कैलोरी एनर्जी, 3.8 ग्राम प्रोटीन, 21.5 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 0.8 ग्राम फाइबर, 0.3 ग्राम फैट और 0.1 मिलीग्राम कोलेस्ट्रॉल होता है।
प्रेग्नेंसी में अंगूर की लस्सी पीने के फायदे
प्रेग्नेंसी के दौरान अक्सर महिलाओं को अधिक गर्मी लगने की शिकायत हो जाती है। गर्मी के मौसम में यह लक्षण ज्यादा परेशान कर सकता है। प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम और रेसवेराट्रोल से भरपूर अंगूर की लस्सी हॉट फ्लैशेज को दूर करने में मदद करती है।
प्रेग्नेंसी में अंगूर खाने से क्या होता है
गर्भावस्था में डाइट में अंगूरों को शामिल करने से शिशु के विकास के लिए जरूरी सभी तरह के पोषक तत्व मिल जाते हैं।
अंगूर विटामिन सी और के, फोलिक एसिड, एंटीऑक्सीडेंटों और फाइबर से भरपूर होते हैं। इसमें पर्याप्त मात्रा में ऑर्गेनिक एसिड, एंटीऑक्सीडेंट और पेक्टिन भी होता है जो इम्यूनिटी को बढ़ाने का काम करता है।
स्टडी करती है सपोर्ट
एक रिपोर्ट के अनुसार अंगूर में मौजूद रेसवेराट्रोल प्रेग्नेंसी में डायबिटीज मेलिटस के जोखिम को कम करती है और लिपिड प्रोफाइल और ग्लूकोज ब्लड लेवल में सुधार करता है।
वहीं प्रेग्नेंसी के दौरान रेसवराट्रोल सप्लीमेंट लेने से मां का वजन कम करने, ग्लूकोज टॉलरेंस में सुधार करने और यूट्राइन आर्टरी में खून का प्रवाह बढ़ाने में मदद मिलती है।