Chhath Puja 2024: कैसे किया जाता है खरना, इसी से होती है निर्जला व्रत की शुरुआत
खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद से ही छठ का व्रत शुरुआत हो जाती है इसलिए यह एक महत्वपूर्ण दिन है। इस व्रत में 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखे जाने का विधान है। इस दौरान कई तरह के नियमों का ध्यान रखा जाता है ताकि व्रत का पूर्ण फल प्राप्त किया जा सके। ऐसे में चलिए जानते हैं कि खरना किस तरह किया जाता है।
HIGHLIGHTS
- लोक आस्था का महापर्व कहलाती है छठ पूजा।
- छठ पूजा के दूसरे दिन किया जाता है खरना।
- शुद्धता का रखा जाता है पूर्ण रूप से ध्यान।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। लगभग 4 दिनों तक चलने वाली छठ पूजा को लोक आस्था का महापर्व भी कहा जाता है। यह पर्व हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। ऐसे में इस साल यह पर्व मंगलवार, 05 नवंबर से शुरू हो रहा है। वहीं इसके अलगे दिन यानी बुधवार, 06 नवंबर को किया जाएगा। इस दौरान मुख्य रूप से भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा की जाती है। छठ पर्व के दौरान नहाय खाय और खरना का विशेष महत्व है। इस दौरान साधक अपनी स्वच्छता और पवित्रता का विशेष रूप से ध्यान रखते हैं।
खरना का महत्व
छठ पर्व (Chhath Puja 2024) में खरना का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन पर व्रत करने वाली महिलाएं सबसे पहले नए मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ और चावल की खीर बनाती हैं। इसके बाद इस खीर का भोग छठी मैया को लगाया जाता है और इसके बाद इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। इसी के बाद से सूर्योदय और सूर्यास्त तक चलने वाले निर्जला व्रत की शुरुआत होती है।