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Mahakal Bhasm Aarti: क्यों भस्म से की जाती है भगवान शिव की आरती, पढ़िए इससे जुड़ी पौराणिक कथा

भगवान महाकाल के दर्शन करने से व्यक्ति का जीवन और मृत्यु का चक्र समाप्त हो जाता है।

HIGHLIGHTS

  1. मंदिर से जुड़े कई रहस्य हैं, जिसके कारण यह मंदिर विश्व प्रसिद्ध है।
  2. प्राचीन काल में दूषण नामक राक्षस ने उज्जैन में उत्पात मचा रखा था।
  3. यहां दिन में 6 बार भगवान महाकाल की आरती की जाती है।

धर्म डेस्क, इंदौर। Mahakal Bhasm Aarti: मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माने जाते हैं। यहां दुनिया भर से भक्त भगवान शिव की पूजा और दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर से जुड़े कई रहस्य हैं, जिसके कारण यह मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान महाकाल के दर्शन करने से व्यक्ति का जीवन और मृत्यु का चक्र समाप्त हो जाता है। भगवान के दर्शन से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।

भस्म आरती से जुड़ी पौराणिक कथा।

पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में दूषण नामक राक्षस ने उज्जैन में उत्पात मचा रखा था। ऐसे में लोगों ने राक्षस के प्रकोप से बचने के लिए देवों के देव महादेव से प्रार्थना की। इसके बाद, भगवान शिव ने दूषण का वध किया और लोगों की प्रार्थना पर महाकाल के रूप में उज्जैन में रहने लगे। धार्मिक मान्यता है कि भगवान शिव ने यहां दूषण की भस्म से अपना श्रृंगार किया था। इसलिए आज भी महादेव का श्रृंगार भस्म से किया जाता है। यह मंदिर एक ऐसा मंदिर है, जहां दिन में 6 बार भगवान महाकाल की आरती की जाती है।

पुराणों में भी मिलता है वर्णन

पुराणों के अनुसार, महाकालेश्वर मंदिर बहुत प्राचीन माना जाता है। शिवपुराण में बताया गया है, भगवान श्रीकृष्ण के दत्तक नंद से आठ पीढ़ी पहले यहां महाकाल विराजमान हुए थे। वेदव्यास ने भी महाभारत में लिखा है, कालिदास, बाणभट्ट और अन्य लोगों ने भी इस ज्योतिर्लिंग के बारे में लिखा है।

भस्म आरती से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

भगवान महाकाल की भस्म आरती सुबह 4 बजे की जाती है। भस्म को सूती कपड़े में बांध दिया जाता है। फिर इसे शिवलिंग पर बिखेरते हुए आरती की जाती है। भस्म आरती के दौरान महिलाओं को घूंघट करना होता है। इसके अलावा पुजारी भी धोती पहनकर आरती करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भस्म आरती के समय भगवान महाकाल निराकार स्वरूप में होते हैं। इस कारण आरती के दौरान महिलाओं का घूंघट करना जरूरी होता है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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