Mahakal Temple: आज से बदली महाकाल की दिनचर्या, गर्म जल से कराया स्नान… तीन आरतियों का समय भी बदला
उज्जैन में भगवान महाकाल की सर्दी और गर्मी में दिनचर्या बदलती है। अभी तक गर्मी के अनुसार भगवान की दिनचर्या चल रही थी। आज से सर्द मौसम की शुरुआत मानी जाती है, इसी वजह से आज से भगवान को गर्म जल से स्नान करवाया गया। सुबह, शाम की आरती का समय भी बदला गया है।
उज्जैन(Mahakal Temple)। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से भगवान महाकाल की दिनचर्या बदल गई है। भस्म आरती में भगवान को गर्म जल से स्नान कराया गया। प्रतिदिन होने वाली पांच में तीन आरती का समय भी बदला गया है।
दिनचर्या में बदलाव का यह क्रम फाल्गुन पूर्णिमा तक चलेगा। मंदिर समिति सदस्य पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया महाकाल मंदिर की पूजन परंपरा में गर्मी व सर्दी के क्रम में प्रत्येक छह माह में भगवान की दिनचर्या बदलती है। वर्तमान में भगवान की दिनचर्या गर्मी के मौसम अनुसार चल रही थी।
भगवान ठंडे जल से स्नान कर रहे थे, लेकिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से मंदिर में सर्दी की शुरुआत मानी जाती है। इस दिन से भगवान महाकाल ठंडे की बजाय गर्म जल से स्नान करना प्रारंभ करते हैं। साथ ही आरती का समय भी बदलता है।
बदल गया आरती का समय
पहले प्रतिदिन सुबह सात बजे दद्योदक अर्थात बालभोग आरती हो रही थी। इस आरती में भगवान को दही चावल का भोग लगाया जाता है। आज यह आरती सुबह 7.30 बजे हुई। इसी प्रकार सुबह 10 बजे भोग आरती हो रही थी। इसमें भगवान को दाल, चावल, रोटी, सब्जी, मिष्ठान का नैवेद्य लगाया जाता है। यानी भगवान सुबह 10 बजे भोजन कर रहे हैं।
अब भोग आरती सुबह 10.30 बजे ही होगी। इसका आशय यह है, सर्दी में भगवान आधा घंटा देरी से भोजन करेंगे। वर्तमान में संध्या आरती शाम 7 बजे हो रही है। आज संध्या आरती प्रतिदिन शाम 6.30 बजे से होगी। क्योंकि सर्दियों में सूर्यास्त जल्दी होने लगता है।
भस्म व शयन आरती निर्धारित समय पर
प्रतिदिन तड़के 4 बजे होने वाली भस्म आरती तथा रात 10.30 बजे होने वाली शयन आरती अपने इसी निर्धारित समय पर होगी। शाम पांच बजे होने वाली संध्या पूजन का समय भी वही रहेगा।