‘तुम कुछ नहीं जानते…’, Ford के मालिक ने किया था Ratan Tata का अपमान, फिर 9 साल बाद ऐसे लिया बदला
रतन टाटा टाटा बिजनेस ग्रुप के पूर्व चेयरमैन का 86 साल की उम्र में मुंबई में देहांत हो गया। वह अपने व्यावसायिक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते थे। उनका नेतृत्व ग्रुप को नई ऊंचाइयों पर ले गया, जिससे वे एक प्रेरणादायक बिजनेस मैन बन गए।
डिजिटल डेस्क, इंदौर। टाटा बिजनेस ग्रुप को बुलंदियों की ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाले पद्मविभूषण रतन टाटा अब नहीं रहे। उन्होंने 86 साल की उम्र में 9 अक्टूबर की देर रात अंतिम सांस ली। उनका देहांत मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल के इंटेसिव केयर यूनिट में हुआ। वह एक अच्छे बिजनेस मैन थे, क्यों कि वह खुद के लिए फैसलों पर विश्वास करते थे। उनकी इसी खूबी से जुड़ा एक किस्सा काफी मशहूर है।
इस तरह लिया अपमान का बदला…
बात 1998 की है। रतन टाटा अपना ध्यान ऑटोमोबाइल सेक्टर में लगा रहे थे। उन्होंने देश की पहली स्वदेशी टाटा इंडिका लॉन्च की। रतन टाटा का यह ड्रीम प्रोजेक्ट था, लेकिन उतना सफल नहीं हो पाया। कंपनी का बहुत घाटा हुआ।
रतन टाटा ने टाटा मोटर्स को बेचने का फैसला कर लिया। वह इसके लिए अमेरिकी कंपनी फोर्ड के साथ डील करना चाहते थे। उन्होंने 1999 में अमेरिका जाकर फोर्ड के मालिक बिल फोर्ड से मुलाकात की। यहां पर बिल फोर्ड ने बहुत बड़ी गलती कर दी। उन्होंने टाटा का अपमान कर दिया।
बिल ने टाटा से कहा कि आपको ऑटोमोबाइल सेक्टर के बारे कुछ पता ही नहीं है। आपकने पैसेंजर कार डिवीजन में बिजनेस के बारे में सोचा ही क्यों? आपको इस सेक्टर की साधारण नोलेज भी नहीं है। वह यहां तक नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि टाटा मोटर्स को खरीदकर वह रतन टाटा पर एहसान कर रहे हैं।
रतन टाटा को बिल की यह बात चुभ गई। उन्होंने अमेरिका से भारत आकर सबसे बड़ा फैसला लेते हुए एलान किया कि वह टाटा मोटर्स को नहीं बेचेंगे। वह इस कंपनी को घाटे से निकालकर प्रोफिटेबल बनाएंगे।
फिर आया अपमान का बदला लेने का समय….
9 साल बाद यानि कि साल 2008 में अमेरिका बहुत बड़ी मंदी से घिरा हुआ था। इस दौरान अमेरिकी कंपनी फोर्ड पर संकट के बाद छा गए। वह दिवालिया होने की कगार पर आ गई। रतन टाटा इस दौरान आगे आए। उन्होंने फोर्ड के दो सबसे पॉपुलर ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर को खरीद लिया। यह डील 2.3 बिलियन डॉलर में हुई, जो कि आज के हिसाब से 19 हजार करोड़ रुपये हैं।