कर्नाटक विधानसभा चुनाव में ओवैसी ने दो उम्मीदवार उतारे जिन्हें दोनों जगह हार मिली : वहीं कांग्रेस ने इस बार 15 मुस्लिमों को टिकट दिया था और नौ को जीत मिली

Report manpreet singh

Raipur chhattisgarh VISHESH : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदउद्दीन ओवैसी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कुछ भी नहीं कर पाए. कर्नाटक में 13 फ़ीसदी मुसलमान हैं लेकिन ओवैसी की पार्टी प्रदेश में कोई असर नहीं डाल पाई.

कर्नाटक में एआईएमआईएम ने 2021 में शहरी निकाय में कुछ सीटें जीतकर दस्तक दी थी. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में ओवैसी ने दो उम्मीदवार उतारे थे लेकिन दोनों जगह हार मिली. ओवैसी का पूरा चुनावी कैंपेन विवादित मुद्दों के ईर्द-गिर्द था. चुनाव अभियान में उन्होंने हिजाब बैन, टीपू सुल्तान और मुसलमानों के चार फ़ीसदी आरक्षण हटाने को ज़ोर-शोर से उठाया गया था.

एआईएमआईएम ने पहले 21 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फ़ैसला किया था लेकिन आख़िर में दुर्गप्पा कशप्पा बिजवाड़ और अल्लाहबख़्श बीजापुर को क्रमशः हुबली-धारवाड़ ईस्ट और बसावना बागेवाड़ी से उतारा था. बिजवाड़ को महज़ 5,644 वोट मिले और बीजापुर को केवल 1,475 वोट. ओवैसी ने कई रैलियां भी की थीं. ऐसा लग रहा था कि ओवैसी की वजह से ही मुस्लिम वोट बँट ना जाए. एआईएमआईएम का वोट शेयर महज़ 0.02 प्रतिशत रहा.

ओवैसी ने कर्नाटक के जनादेश को स्वीकार करते हुए समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा था, ”कर्नाटक के लोगों ने स्पष्ट जनादेश दिया है. हमें यहाँ कामयाबी नहीं मिली. लेकिन हम अपनी पार्टी को इन राज्यों में मज़बूत करना जारी रखेंगे.”कांग्रेस ने इस बार 15 मुस्लिमों को टिकट दिया था और नौ को जीत मिली है. वहीं जनता दल सेक्युलर ने 23 मुस्लिमों को टिकट दिया था लेकिन किसी को जीत नहीं मिली.

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