श्रद्धालुओं के लिए खुला मां का दरबार, विधिवत पूजा पंचमी से
जांजगीर नैला में श्री श्री दुर्गा उत्सव सेवा समिति ने इस बार खास आकर्षण के तौर पर थाईलैंड के अरुण देव मंदिर के तर्ज पर पंडाल तैयार किया है, जिसमें 35 फीट ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। साथ ही बुर्ज खलीफा जैसा लाइट और साउंड शो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
HIGHLIGHTS
- पांच शेरों में सवार मां दुर्गा की 35 फीट ऊंची प्रतिमा तैयार।
- इस बार दुर्गा पूजा उत्सव में खास लाइटिंग का इस्तेमाल।
- नैला में थाईलैंड के अरुण देव मंदिर के तर्ज पर पंडाल तैयार।
जांजगीर चांपा। जांजगीर नैला में इस बार दुर्गा पूजा में थाईलैंड के विश्व प्रसिद्ध अरुण देव मंदिर की प्रतिकृति का पंडाल अग्रसेन भवन नैला के सामने मैदान में तैयार किया गया है। यहां पांच शेरों में सवार मां दुर्गा की 35 फीट ऊंची प्रतिमा तैयार की गई है। इस बार दुर्गा पूजा उत्सव में खास लाइटिंग का इस्तेमाल किया गया है जिसमें दुबई के बुर्ज खलीफा की तरह लाइट और साउंड इफेक्ट के साथ दिखाया जा रहा है। श्रद्धालु नवरात्र की द्वितीया तिथि चार अक्टूबर से मां का दर्शन कर सकेंगे। वहीं विधिवत पूजा पंचमी तिथि से शुरू होगी । शारदीय नवरात्रि की तैयारियां जोरों पर हैं। देवी मंदिरों से लेकर शहरों और गांवों तक मां दुर्गा के भव्य पंडाल सजाए जा रहे हैं।
श्री श्री दुर्गा सेवा उत्सव समिति के सदस्य राजेश पालीवाल ने बताया कि 41 साल से मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जा रही है। इस साल थाईलैंड के विश्व प्रसिद्ध शांति के प्रतीक अरुण देव मंदिर की तर्ज पर भव्य 160 फीट ऊंचा और 150 फीट चौड़ा पंडाल बनाया गया है, जिसे बंगाल के 35 से 40 कारीगर तैयार किए हैं।
श्रद्धालु नवरात्र की द्वितीया तिथि चार अक्टूबर से मां का दर्शन कर सकेंगे। वहीं विधिवत पूजा पंचमी तिथि से शुरू होगी । भव्य पंडाल में स्थापना के लिए मां दुर्गा की 35 फीट ऊंची मूर्ती बनाई गई है। मां दुर्गा पांच शेरों में सवार होकर सोना चांदी, हीरा मोती से जड़ित स्टोन से सजे रथ में विराजेंगी। मां दुर्गा की प्रतिमा भटगांव के मूर्तिकार प्रदीप देवांगन और उसके सहयोगियों के द्वारा बनाया गया है।