Share Market IPO: शेयर बाजार से फटाफट रुपये कमाने का नशा पड़ेगा भारी… छोटी कंपनियों के आईपीओ आ रहे, आम निवेशक ठगा रहे
शेयर बाजार में आईपीओ खरीदकर रुपये कमाने की सोच रहे निवेशकों को बड़ा झटका लगने का अंदेशा है। इन दिनों ऐसी कंपनियां भी आईपीओ ला रही हैं, जिनका बिजनेस ही ज्यादा नहीं है। जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ क्षेत्र की कई कंपनियां अपने आईपीओ ला रही हैं और कुछ तो ला भी चुकी हैं। आईपीओ लाने के लिए उनसे कमिशन भी लिया जा रहा है।
HighLights
- कंपनियों से 40 प्रतिशत तक कमीशन लेकर लांच कर रहे आईपीओ।
- अब 5-10 करोड़ टर्न ओवर वाली कंपनियां भी ला रही हैं आईपीएओ।
- आम निवेशक छोटी कंपनियों के आईपीओ के नाम पर ठगा रहे हैं।
इंदौर (Share Market IPO)। शेयर बाजार में निवेश के साथ आईपीओ खरीदने की होड़ निवेशकों पर भारी पड़ने का अंदेशा है। एक साल में ऐसी तमाम छोटी कंपनियों (एसएमई) के आईपीओ आए हैं जिनका कुल कारोबार कुछ करोड़ रुपये का रहा है। मालवा-निमाड़ में ट्रेडर और व्यापारी भी इसमें पीछे नहीं हैं।
इंदौर-उज्जैन-रतलाम क्षेत्र की कम से कम 10 से ज्यादा छोटी कंपनियां और ट्रेडर्स आईपीओ लांच करने की तैयारी में हैं। इनमें से आधे आईपीओ ला भी चुके हैं। मोटे कमीशन के बदले आईपीओ लांच करवाने का कारोबार शुरू हो गया है।
आईपीओ पर नियंत्रण के नियम बनाने की मांग
इंदौर से मांग उठी है कि सेबी आईपीओ पर नियंत्रण के नियम बनाए। छोटी कंपनियों के आईपीओ के नाम पर आम निवेशक ठगा रहे हैं। बीते दिनों दिल्ली में जब आठ कर्मचारियों और 16 करोड़ टर्न ओवर वाला आटोमोबाइल डीलर आईपीओ लेकर आया और सब्सक्रिप्शन 400 गुना हुआ तो शोर मचा था।
40 प्रतिशत कमिशन पर आईपीओ लांच करवा रहे
वित्त विश्लेषक महेश नटानी के अनुसार, इससे पहले मप्र के कई कारोबारी ऐसा कमाल कर चुके हैं। कई लाइन में लगे हैं। बाजार में ऐसे फंड व इश्यु मैनेजर काम कर रहे हैं जो 40 प्रतिशत तक कमीशन लेकर आईपीओ लांच करवा रहे हैं।
5-10 करोड़ के टर्नओवर वाली कंपनी आईपीओ से निवेशकों की जेब से 100-200 करोड़ रुपये तक निकालकर अपने नाम कर रही है। इश्यु मैनेजर टर्नओवर से लेकर प्रॉफिट तक के दस्तावेज मैनेज कर बना रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि यह भी अनिवार्यता नहीं है कि आईपीओ के ड्राफ्ट की सेबी से जांच हो।
पार्किंग बैलेंस
छोटी कंपनियों का सब्सक्रिप्शन बढ़ाने के लिए इश्यु मैनेजर पार्किंग बैलेंस का सहारा ले रहे हैं। बड़ी पूंजी रखने वाले लोगों से कुछ दिनों के लिए पैसा लगवाया जा रहा है। ओवरसब्सक्रिप्शन देखकर आम निवेशक फंसता है। जब शेयर लिस्ट हो जाता है और इश्यु मैनेजर व ऐसे लोग कमीशन लेकर बाहर हो जाते हैं तब आम निवेशक ठगा जाता है और उसका पैसा डूब जाता है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट सीए सुमितसिंह मोंगिया के अनुसार सेबी ने छोटी कंपनियों के आईपीओ के लिए कोई सीमा नहीं रखी है। भले ही कंपनी का टर्नओवर पांच करोड़ रुपये का है वो अपने लिए 50 करोड़ भी आईपीओ से जुटा ले। इस पर नियमन लाने की जरूरत है।