Success Story: कभी कर्ज लेकर चलाती थीं काम, अब लाखों में कमा रहीं लखपति दीदी रोशनी

मध्य प्रदेश की रोशनी लोधी को प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मानित किया। रोशनी ने 2019 में स्व-सहायता समूह शुरू किया था। उन्होंने 50 समूहों का गठन किया और बैंक बीसी के रूप में काम शुरू किया। रोशनी अब हर महीने 20-25 हजार रुपये कमाती हैं और गांवों में बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करती हैं। उनकी आर्थिक स्थिति और मान-सम्मान में सुधार हुआ है।

HighLights

  1. रोशनी की हर महीने 20-25 हजार रुपये आय।
  2. 2019 में स्व-सहायता समूह की शुरुआत की
  3. गांवों में उपलब्ध करवा रही हैं बैंकिंग सुविधाए\
  4. देवास : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में लखपति दीदी बनीं मध्य प्रदेश के देवास जिले की रोशनी को रविवार को महाराष्ट्र के जलगांव में हुए कार्यक्रम में सम्मानित किया गया, उन्होंने स्वालंबन का उदाहरण पेश किया है। देवास जिले के विकासखंड बागली में नेवरी के समीप छोटे से गांव कजलीवन की रहने वाली रोशनी लोधी घरेलू कामकाज के साथ ही सास-ससुर एवं पति के साथ खेती के काम में मदद करती हैं।
 

परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने से कुछ साल पहले तक उनको आसपास के गांवों से कर्ज लेकर काम चलाना पड़ा। इसके बाद रोशनी ने वर्ष 2019 में स्व-सहायता समूह बनाया। शुरुआत में 20 रुपये प्रति सप्ताह की बचत की और समूह ऋण के माध्यम से घर की छोटी-मोटी जरूरतें पूरी करने लगीं।

 
 
 

50 स्व-सहायता समूहों का गठन

रोशनी ने आसपास के गांवों की करीब 600 महिलाओं के साथ 50 स्व-सहायता समूहों का गठन किया और उन्हें आजीविका की गतिविधियां शुरू करने के लिए प्रेरित किया। इस प्रकार सक्रिय कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन के रूप में उन्हें कुछ आय होने लगी। स्व-सहायता समूह के माध्यम से रोशनी ने 2021 में बैंक बीसी का प्रशिक्षण लिया।

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ऋण लेकर कम्प्यूटर, प्रिंटर खरीदा

50 हजार रुपये का ऋण लेकर कम्प्यूटर, प्रिंटर खरीद कर बैंक सखी का कार्य शुरू किया। सास, ससुर एवं पति के साथ मिलकर गणवेश सिलाई का काम भी चलता रहा। इससे गांव की अन्य महिलाओं को भी जोड़ा। समूह गठन के दौरान बैंक के काम के लिए बैंक सखी के रूप में उन्हें चुना गया।

गांवों में बैंकिंग सुविधाएं दे रहीं

बैंक सखी का काम शुरू होने से पहले उन्होंने देवास में प्रशिक्षण लिया, इसके बाद बैंक आफ इंडिया की शाखा नेवरी की बैंक बीसी के रूप में काम करने लगीं। अब वह आसपास के कई गांवों में बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध करवा रही हैं। प्रतिदिन तीन से पांच लाख रुपये तक का ट्रांजेक्शन सफलतापूर्वक कर लेती हैं।

 

 

रोज तीन से पांच लाख रुपये तक का ट्रांजेक्शन

कमीशन के रूप में हर महीने उन्हें 20 से 25 हजार रुपये की आय हो जाती है। वे अपने कियोस्क का संचालन पूरे आत्मविश्वास से कर रही हैं। यहां पर रुपये निकालना, जमा करना, खाता खुलवाना, केवायसी अपडेट, बीमा योजना, समूहों को लोन दिलवाने की प्रक्रिया व अन्य कार्य किए जा रहे हैं। रोशनी की आर्थिक स्थिति मजबूत होने के साथ मान-सम्मान भी बढ़ा है।

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