Halshashthi 2024: हलषष्ठी पर्व 25 अगस्‍त को मनेगा, संतान की दीर्घायु और सम्पन्नता के लिए किया जाता है यह व्रत

जबलपुर के ज्योतिषाचार्य सौरभ दुबे का कहना है कि भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी 25 अगस्त को मनाई जाएगी। संतान की तरक्की, सुख-शांति के लिए यह पर्व मनाया जाता है। सप्तमी से जुड़ी तिथि पर हलषष्ठी मनाई जाती है।

HIGHLIGHTS

  1. जबलपुर के कोतवाली मंदिर में होगा विशेष श्रृंगार।
  2. चार दिन तक चलेगा हलछठ पर्व, उमड़ेंगे श्रद्धालु।
  3. हरछठ पर सुबह 8 बजे मंगला आरती की जाएगी।

लषष्ठी को लेकर असमंजस ज्योतिषाचार्यो ने दूर कर दिया है। भगवान श्रीकृष्ण के अग्रज बलदाऊजी का प्रकटोत्सव हलषष्ठी पर्व (हरछठ) 25 अगस्त को ही मनाया जाएगा। हरछठ का व्रत संतान की दीर्घ आयु और उनकी सम्पन्नता के लिए किया जाता है। माताएं संतान की लंबी उम्र के लिए व्रत रखकर पूजा करेंगी।

बलदाऊ जी के प्रकटोत्सव पर जबलपुर कोतवाली स्थित महाकोशल क्षेत्र के इकलौते बलदाऊ जी मन्दिर में विशेष अनुष्ठान व पूजन होंगे। बलदाऊजी के अलग-अलग श्रृंगार किए जाएंगे। इनके दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगेगा। बलदाऊजी के मन्दिर में जन्माष्टमी के दूसरे दिन तक आयोजन चलेगा।

उदयातिथि से 25 अगस्त को

  • जबलपुर के ज्योतिषाचार्य सौरभ दुबे के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी 25 अगस्त को है। इसे बलराम जयंती और ललही छठ के नाम से भी जाना जाता है।
  • साल में तीन बार छठ का पर्व मनाया जाता है। इसमें ललही छठ, चैती छठ और कार्तिक माह में आने वाली बड़ी छठ शामिल है।
  • हिंदू धर्म में संतान की तरक्की, सुख-शांति के लिए छठ का पर्व खास माना गया है। ज्योतिषाचार्य दुबे के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि 24 अगस्त को दोपहर 12:38 बजे शुरू होगी।
  • ज्योतिषाचार्य के अनुसार अगले दिन 25 अगस्त को सुबह 10 बजकर 24 मिनट पर समापन होगा।
  • ज्योतिषाचार्य जनार्दन शुक्ला ने बताया कि सप्तमी से जुड़ी तिथि पर हलषष्ठी मनाई जाती है। इसलिए 25 अगस्त को ही हलषष्ठी व्रत मनाया जाएगा।

विशेष श्रृंगार व दर्शन होंगे

श्री बलदाऊजी मंदिर दो सदियों से जन आस्था का प्रमुख केंद्र है। हरछठ पर सुबह 8 बजे मंगला आरती होगी। 10:30 बजे राजसी वस्त्र श्रृंगार व साय काल 6 बजे शालिग्राम श्रृंगार होगा। पंचामृत भोग प्रसाद वितरण किया जाएगा 25 अगस्त को नित्य दर्शन होंगे।

26 अगस्त को जन्माष्टमी पर सुबह 8 बजे पंचामृत अर्पण, 10:30 बजे वस्त्राभूषण से श्रृंगार, सायं काल 8 बजे से 10:30 बजे तक दर्शन व 11:40 बजे से आधी रात के बाद तक कृष्ण जन्म महोत्सव मनाया जाएगा। 27 अगस्त की सुबह 10 बजे नंद महोत्सव मनाया जाएगा। झांकी बनाई जाएगी, जिसमे भगवान कृष्ण के दर्शन करने त्रिलोकीनाथ भोलेनाथ का जोगी के रूप में आगमन होगा। मुखिया पूजन कराएंगे।

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