कानन पेंडारी चिड़ियाघर से लेकर जंगल तक घायल वन्य प्राणियों का कर सकेंगे एक्सरे
यह बात कम लोगों को मालूम है कि कानन पेंडारी चिड़ियाघर के साथ रेस्क्यू सेंटर भी है। यहां वन्य प्राणी चिकित्सक डा. पीके चंदन के नेतृत्व में एक रेस्क्यू टीम भी बनाई गई है। बिलासपुर वनवृत्त के अलावा दूसरे वनवृत्त में यह टीम घायल, बीमार या आतंक फैलाने वाले वाले वन्य प्राणियों का रेस्क्यू करने के लिए जाती है।
HIGHLIGHTS
- कानन पेंडारी को मिली नई एक्स-रे मशीन
- कानन पेंडारी चिड़ियाघर के साथ रेस्क्यू सेंटर
- कानन में 65 से अधिक प्रजातियों के 700 से अधिक वन्य प्राणी
बिलासपुर। कानन पेंडारी चिड़ियाघर की रेस्क्यू टीम अब जू से लेकर जंगल के अंदर बड़ी आसानी से घायल वन्य प्राणियों का एक्सरे कर समस्या जान सकेंगे। इसके लिए जू प्रबंधन को एक नई हैंडी एक्स-रे मशीन दी गई है। इसमें बैटरी लगी है, जिसे एक बार पूरा चार्ज करने के बाद चार घंटे तक उपयोग में लाया जा सकता है। इसकी खासियत यह है कि छोटी मशीन होने के कारण कहीं भी बड़े आराम से अमला ले जा सकता है।
एक एक्स-रे मशीन की थी कमी
यहां वन्य प्राणी चिकित्सक डा. पीके चंदन के नेतृत्व में एक रेस्क्यू टीम भी बनाई गई है। टीम के पास वाहन, जाली, पिंजरा व ट्रैंक्यूलाइजर गन सभी चीजें हैं। एक कमी एक्स-रे मशीन की थी। इसकी आवश्यकता रेस्क्यू के दौरान और जू में दोनों जगह पड़ती थी। पहले जंगल में तो यह उपलब्ध ही नहीं हो पाती थी और जू में किसी दूसरी जगह से व्यवस्था करनी पड़ती थी। यह तब जरूरी होता था, जब मशीन की बेहद आवश्यकता होती थी। लेकिन, अब जू को एक्स-रे मशीन के लिए दूसरे पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। गुरुवार को उन्हें एक एक्स-रे मशीन उपलब्ध कराई गई है। जिसे जू के अस्पताल में रखा गया है। संबंधित कंपनी के इंजीनियर आकर इसे फीड कर चालू करेंगे। इसके बाद मशीन का उपयोग शुरू हो जाएगा।
18 लाख रुपये है कीमत
यह एक्स-रे मशीन हाईटेक है। यही वजह है कि इसकी कीमत भी अधिक है। 18 लाख रुपये की कीमत वाली इस मशीन में फिल्म रीडर भी है। जिसके जरिए वन्य प्राणी के भीतरी हिस्से की समस्या स्पष्ट नजर आ जाएगी। समस्या समझ आने पर इलाज भी बेहतर ढंग से किया जा सकता है। अभी तक एक अनुमान के आधार पर उपचार करते थे। मशीन का वजन केवल 12 किलो हैं। इसलिए इसे उठाकर एक से दूसरी जगह लेकर जाने में भी कोई परेशानी नहीं है। अमला बड़ा आसानी से मशीन को रेस्क्यू वाहन में रखकर जंगल के अंदर ले जा सकता है। मालूम हो कि कानन में 65 से अधिक प्रजातियों के 700 से अधिक वन्य प्राणी हैं। जू होने के कारण यहां के लिए मशीन की बेहद आवश्यकता थी।