CG Assembly Election 2023: बस्तर के 100 से अधिक गांवों में पहली बार होगा मतदान, नहीं होगा नक्सलियों का खौफ
HIGHLIGHTS
- ज्यादा मतदान के लिए बढ़ाई गई मतदान केंद्रों की संख्या
- नक्सली हिंसा व अन्य खतरों के बीच मतदान दलों व मतदाताओं के लिए भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी
अजय रघुवंशी रायपुर (राज्य ब्यूरो)। बस्तर के 100 से अधिक गांवों में पहली बार मतदान होगा। यहां मतदाता पहली बार अपने गांवाें में ही मतदान करेंगे। यहां नक्सलियों का खौफ नहीं बल्कि लोकतंत्र की मशाल जलेगी। इससे पहले ग्रामीणों को 15 से 20 किमी. दूर चलकर मतदान के लिए जाना होता था। चुनाव आयोग ने बस्तर क्षेत्र में 126 नए मतदान केंद्र बनाए हैं,वहीं संभाग में कुल 2,483 बूथों में मतदान प्रक्रिया संचालित की जाएगी।
अधिकारियों के मुताबिक ज्यादा से ज्यादा मतदान के लिए गांवों के नजदीक ही केंद्र बनाया गया है। बस्तर क्षेत्र के कांकेर, अंतागढ़, भानुप्रतापुर, सुकमा, कोंटा, चित्रकोट, जगदलपुर, बस्तर, कोंडागांव आदि विधानसभा क्षेत्रों में नए बूथों में मतदाताओं को अपने गांवों में पहली बार वोट डालने का अनुभव मिलेगा। नक्सली हिंसा व अन्य खतरों के बीच मतदान दलों व मतदाताओं के लिए भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। बस्तर क्षेत्र में एक लाख से अधिक जवान मोर्चे पर तैनात रहेंगे।
यहां नए मतदान केंद्र
विधानसभा क्षेत्र- नए बूथ
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- अंतागढ़- 12
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- भानुप्रतापपुर- 05
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- कांकेर- 15
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- कोंटा- 20
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- चित्रकोट- 15
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- कोंडागांव- 13
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- केशकाल- 19
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- जगदलपुर- 04
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- बस्तर- 01
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- नारायणपुर- 09
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- दंतेवाड़ा- 08
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- बीजापुर- 06
पहले चरण के मतदान में जिलेवार बूथों की संख्या
जिला- कुल बूथ
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- कांकेर- 727
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- कोंडागांव- 588
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- नारायणपुर- 127
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- बस्तर- 760
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- दंतेवाड़ा- 273
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- बीजापुर- 245
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- सुकमा- 254
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- मोहला मानपुर- 306
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- राजनांदगांव- 840
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- कुल बूथ- 3629
20 सीटों में 12 नक्सल प्रभावित सीट
पहले चरण की जिन 20 सीटों पर मतदान होना है, वहां की 12 सीटें अति संवेदनशील हैं। नक्सली हिंसा के बाद भी यहां रिकार्ड मतदान हुआ है। निर्वाचन कार्यालय ने अतिसंवेदनशील क्षेत्रों को अलग से चिन्हांकित किया है। कार्यालय के मुताबिक यहां ज्यादा से ज्यादा सुरक्षा बल तैनात किए जा रहे हैं।
गांव में लगता था नक्सलियों का कैंप, अब बना बूथ
100 से अधिक गांवों में से एक चांदामेटा गांव में आजादी के 75 साल बाद पहली बार मतदान होना है। चांदामेटा भी लोकतंत्र के इस महासमर का साक्षी बनेगा। गांव के 25 से अधिक ग्रामीण पिछले कुछ वर्षों से नक्सली सहयोग के आरोप में जेल में सजा काट रहे थे। इनमें 25 में से 16 ग्रामीणों को निर्दोष साबित होने पर रिहा किया गया है। अन्य ग्रामीणों के साथ ये भी पहली बार मतदान करेंगे।
बस्तर संभाग में मतदान पर एक नजर
1. 650 गांव नक्सल प्रभाव से मुक्त
2. 2018 के चुनाव में 76.28 प्रतिशत मतदान, इस बार आंकड़े बढ़ने की संभावना।
3.नए मतदान केंद्रों के पास सीआरपीएफ के नए कैंप