छत्तीसगढ़ के छात्र छात्राओं के लिए अच्छी खबर, यूजी-पीजी व डिप्लोमा के 35 पाठ्यक्रमों में मिलेगा लोन
राज्य में संचालित मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने विशेष अभियान शुरू कर दिया है। यह योजना राज्य के गरीब छात्र-छात्राओं के उच्च अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए लागू की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सहायता प्रदान करना है, जिससे वे अपने सपनों को साकार कर सकें।
HIGHLIGHTS
- यूजी-पीजी व डिप्लोमा के 35 पाठ्यक्रमों में मिलेगा लोन
- राज्य में अधिकतम चार लाख रुपये तक मिलेगा लाभ
- सरकार ने वेबसाइट पर इसकी विस्तृत जानकारी किया साझा
बिलासपुर। इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, मेडिकल एवं कम्प्यटर शिक्षा के साथ अब शिक्षा संकाय के विद्यार्थियों के लिए भी अच्छी खबर है। मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना के अंतर्गत अब बीएड, डीएड और एमएड में पढ़ाई के लिए भी बैंक लोन देंगे। राज्य में अधिकतम चार लाख रुपये तक इसका लाभ मिलेगा।
इन्हे मिलेगा योजना का लाभ
सरकार ने अपने वेबसाइट पर इसकी विस्तृत जानकारी भी साझा किया है। इस योजना के अंतर्गत डिप्लोमा, स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के कुल 35 तकनीकी एवं अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रम शामिल हैं। वे छात्र-छात्राएं जो वार्षिक आय रुपये दो लाख से कम वाले परिवारों से आते हैं, उन्हें इस योजना का लाभ मिल सकता है।
शेष ब्याज राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा
योजना के तहत, मोरेटोरियम अवधि के पश्चात ऋण किश्तों के नियमित भुगतान की स्थिति में, छात्रों को एक प्रतिशत की दर से ब्याज देना होगा। शेष ब्याज राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा संबंधित बैंक को किया जाएगा। प्रमुख जिले में ब्याज रहित ऋण विशेष रूप से, राज्य के वामपंथ चरमपंथी प्रभावित (एलडब्ल्यूई) जिलों जैसे बस्तर, बीजापुर, दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा, जशपुर, उत्तर बस्तर कांकेर, कोरिया, नारायणपुर, राजनांदगांव, सरगुजा, धमतरी, महासमुंद, गरियाबंद, बालोद, सुकमा, कोण्डागांव और बलरामपुर जिलों के छात्रों को ब्याज रहित ऋण मिलेगा।
योजना के लिए प्रमुख शर्तें
छात्र का छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना अनिवार्य है। राज्य में स्थापित और सक्षम प्राधिकारी (जैसे एआईसीटीई या यूजीसी) द्वारा मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम में प्रवेशित होना चाहिए। अधिकतम पारिवारिक आय रुपये दो लाख होनी चाहिए, जिसे सक्षम अधिकारी द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र द्वारा प्रमाणित किया जाना चाहिए। शिक्षा ऋण की अधिकतम सीमा रुपये चार लाख है। अनुदान का लाभ लेने के लिए नियमित रूप से ऋण किश्तों का भुगतान अनिवार्य है। ड्राप आउट और निष्कासित छात्र इस योजना के लाभार्थी नहीं बने रहेंगे, किंतु चिकित्सीय कारणों से एक वर्ष की अधिकतम सीमा तक अध्ययन में रूकावट होने की दशा में पात्रता बनी रहेगी।