Farmers Death: राज्यसभा में बोले शिवराज सिंह चौहान, ‘किसानों के खून से रंगे हैं दिग्विजय सिंह के हाथ’

संसद के मॉनसून सत्र में बजट पर चर्चा हो रही है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान कृषि बजट पर राज्यसभा में जवाब दे रहे थे, तभी किसानों की मौत का मामला भी उठा।

एजेंसी, नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को राज्यसभा में किसानों की मौत के मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधा। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आंकड़ों के आधार पर दावा किया कि कांग्रेस के राज में देशभर में बड़ी संख्या में अन्नदाता पर गोलियां चलाई गईं।

इस पर राज्यसभा सदस्य और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने टोका, तो शिवराज भड़क गए। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह के हाथ किसानों के खून से सने हैं।

 

शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘जब कांग्रेस अलग-अलग राज्यों में सत्ता में थी, तब किसान मारे गए। 1986 में जब बिहार में कांग्रेस सत्ता में थी, तब गोलीबारी में 23 किसान मारे गए थे। 1988 में दिल्ली में इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर 2 किसानों की हत्या कर दी गई। कांग्रेस ने मेरठ में किसानों पर गोलीबारी के आदेश दिए और 5 किसानों की मौत हो गई।’

कहा था छेड़ो मत, छेड़ोगे तो छोड़ूंगा नहीं – शिवराज सिंह

  • कांग्रेस के सदस्यों से शिवराज ने कहा, ‘छेड़ो मत, छेड़ोगे तो छोड़ूंगा नहीं।’
  • इसके बाद उन्होंने कांग्रेस राज में किसानों की मौत पर बोलना शुरू किया।
  • बोले – राज्यों में कांग्रेस के राज में कई बार किसानों पर गोलियां चलाई गईं।
  • दिग्विजय सिंह जी बैठे हैं- खून से इनके हाथ सने हैं। 24-24 किसानों को मारा है।
  • मैं केवल विषय पर बोलना चाहता था, लेकिन कांग्रेस ने मुझे छेड़ा है।

जब दिग्विजय सिंह के राज में पुलिस ने 24 किसानों को गोलियों से दिया था भून

शिवराज सिंह ने जिन 24 किसानों की हत्या का जिक्र करते हुए दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा, वो कांड मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई में 12 जनवरी 1998 में हुआ था। तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री थे।

तब किसान मुआवजे की मांग लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। 12 जनवरी 1998 को भारी पुलिस ने मुलताई स्थित तहसील कार्यालय को किसानों ने दो घेर लिया। दोनों तरफ के संघर्ष के बीच पुलिस ने गोलियां बरसा दी, जिसमें 24 किसान मारे गए थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button