दो दिनों में नेपाली नगर की 50 एकड़ भूमि खाली, अब जमीन की घेराबंदी में लेगा आवास बोर्ड

पटना. रविवार और सोमवार की कार्रवाई के बाद नेपाली नगर में बिहार राज्य आवास बोर्ड की 50 एकड़ भूमि को प्रशासन ने अतिक्रमण मुक्त करा लिया है. यहां मौजूद मकानों समेत कुल 95 संरचनाओं को बुलडोजरों की मदद से तोड़ दिया गया है. अधिकतर निर्माण को रविवार को ही तोड़ दिया गया था़

50 एकड़ जमीन पर प्रशासन का कब्जा

शेष बचे पांच मकानों को सोमवार को तोड़ा गया. इन्हें 24 घंटे का समय प्रशासन ने दिया था. यह अवधि खत्म होने के बाद इन्हें भी तोड़ दिया गया. प्रशासन की यह कार्रवाई सोमवार शाम करीब साढ़े चार बजे तक चली. अतिक्रमण मुक्त करायी गयी 50 एकड़ जमीन पर प्रशासन का कब्जा हो गया है. अब इस जमीन की घेराबंदी करायी जायेगी, ताकि दोबारा अतिक्रमण नहीं हो.

दो दिनों में 34 लोगों पर प्राथमिकी

प्रशासन की ओर से कहा गया है कि अतिक्रमण हटाने के अभियान के दौरान उपद्रव फैलाने के आरोप में कुल 34 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें तीन जुलाई को 25 और चार जुलाई को नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया. सोमवार को दो एफआइआर दर्ज की गयी हैं. अब तक कुल चार एफआइआर दर्ज की गयी है.

दस्तावेज में बदलना पड़ जायेगा पता दिये तीन मौके

नेपाली नगर में जिन लोगों के मकान तोड़ेगये हैं, उन्हें आने वाले दिनों में भी परेशानी होगी. सबसे पहले उन्हें मतदान सूची में दिये गये स्थायी पते को बदलना होगा. अब उन्हें नया पता देना होगा, क्योंकि जिस जगह के मतदाता थे, अब वे वहां के वासी नहीं हैं. इसके अलावा इन लोगों ने जिस-जिस दस्तावेज में अपना पता दिया है, उसे भी बदलवाना होगा. मसलन आधार, पैन कार्ड, इंश्योरेंस के कागजात आदि में.

जीवन भर की पूंजी मकान में लगायी, कुछ ही घंटे में सब खत्म

सोमवार को पटना जिला प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया कि राजीव नगर, मौजा दीघा की यह भूमि बिहार राज्य आवास बोर्ड की ही भूमि है. इसे अब तक किसी भी अन्य संस्था को आवंटित नहीं किया गया है. डीएम ने बिहार राज्य आवास बोर्ड, पटना के प्रबंध निदेशक से अतिक्रमणमुक्त करायी गयी इस भूमि की कंटीली तार से घेराबंदी कर बोर्डलगाने के संबंध में अनुरोध किया है. डीएम ने कहा है कि एक नोडल पदाधिकारी कीप्रतिनियुक्ति करते हुए पटना सदर के सीओ से आवास बोर्ड की खाली करायी गयी भूमि की पूर्णविवरणी प्राप्त कर जल्द-से-जल्द फेंसिंग कर बोर्ड लगाया जाये.

डीएम बोले

डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि राजीव नगर के कुछ लोगों ने न्यायालय में याचिका दायर की थी. लोगों ने कोर्ट को बताया था िक भूमि अधिग्रहण की जो प्रक्रिया है वह गलत है. इसको लेकर लोगों ने चैलेंज किया था और मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया था. सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे सही माना था और बताया था कि प्रक्रिया में कहीं भी त्रुटि नहीं है.

वक्त बहुत दिया गया

उन्होंने बताया कि लोगों ने पैसा नहीं लिया है, लेकिन नियमानुसार प्रावधान है कि वैसे लोगों के पैसे को कोर्ट में जमा करा दिया जायेगा. जो भी संबंधित व्यक्ति हैं, वे आवेदन देकर पैसा ले सकते हैं. पैसा नहीं लेने पर भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई अवैध हो जायेगी, ऐसा कोई नियम या कानून नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस बिंदू पर पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button