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Bhopal News: बिजली लाइन सुधार के मामले में पिछड़ी राजधानी, कई बिंदुओं पर नहीं हुआ काम

विभाग में काम की लेट लतीफी का आलम यह है कि यहां छह नये सब स्टेशन तय किए थे, उनमें से एक भी नहीं बन पाया। करीब 250 करोड़ रुपये के कामों में से बमुश्किल 20 करोड़ के काम पूरे किए जा सके। बिजली सुधार की पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) की रिपोर्ट से यह स्थिति स्पष्ट हो रही है।

HIGHLIGHTS

  1. नर्मदापुरम समेत आसपास के अन्य शहरों से खराब स्थिति
  2. आरडीएसएस की रिपोर्ट से स्थिति हो रही स्पष्ट
  3. 34 केपिसिटर लगाने थे, महज आठ ही हो पाए

 भोपाल। बिजली लाइन सुधार के मामले में भोपाल रायसेन, नर्मदापुरम समेत आसपास के अन्य शहरों से खराब स्थिति में है। 23 बिंदुओं पर काम पूरे करने के लिए बिजली कंपनी ने लक्ष्य तय किया था लेकिन भोपाल में कुछ मामलों में काम शून्य प्रतिशत काम ही रहा। इतना ही नहीं, कुछ में दो प्रतिशत तो कुछ में पांच से सात प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त हुआ। इसका सीधा असर बिजली उपभोक्ताओं के सेवा पर पड़ रहा है। यदि तय लक्ष्य के अनुसार काम होता तो शहर में बार-बार ट्रिपिंग और फाल्ट की स्थिति से लोगों को बिजली की समस्या का सामना नहीं रहना पड़ता।

भोपाल में लक्ष्य प्राप्ति का औसत 10 प्रतिशत से भी कम है, जबकि रायसेन, नर्मदापुरम और अन्य शहरों में कहीं 15 से 30 प्रतिशत तक है।

इन कामों को किया जाना था पूरा

– 34 केपिसिटर लगाने थे, महज आठ ही हो पाए।

– चार अतिरिक्त पीटीआर लगाने थे दो ही लग पाए।

 

– छह नये सब स्टेशन 33/11 केवी के स्थापित करने थे, एक भी नहीं हो पाए।

– 81 किमी लंबी के करीब अतिरिक्त 11 केवी लाइन बिछानी थी, 22.70 किमी ही बिछा पाए।

– 46 किमी के करीब 33 केवी लाइन बिछानी थी लेकिन 0.8 किमी ही बिछा पाए।

– 8442 फीडर पिलर्स बनाने थे, 321 ही बना पाए।

-134 किमी नई 11 केवी लाइन डालना थी, 7.31 किमी

ही बिछा पाए।

इनका कहना है

जिलों में आरडीएसएस के तहत किए जा रहे कामों की समीक्षा की जाएगी। वहीं चल रहे कामों को तेजी से पूरा कराएंगे , ताकि सभी को बिजली का लाभ मिल सके।

मनु श्रीवास्तव, एसीएस , ऊर्जा विभाग

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