बुखार में तुरंत लेते हैं पेरासिटामोल? जानिए इसके साइड इफेक्ट्स, इन बीमारियो में होती है जानलेवा
बुखार होने पर हम में से सभी बच्चे या बड़े को पैरासिटामोल देते हैं। पैरासिटामोल प्रेग्नेंसी में भी सेफ होती है, लेकिन क्या आपको पता है कि अगर इसे सही तरीके से न लिया जाए तो इसके साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। वहीं, कुछ बीमारियों में इसे खाना सख्त मना है।
पैरासिटामोल के साइड इफेक्ट की वजह कई बार इसे लेने का गलत तरीका होता है। वहीं, अधिक मात्रा में यानि ओवरडोज पर भी रिएक्शन होता है। दवा लेने का सही समय और तरीका क्या है और किन बीमारियों में इसे नहीं लेना चाहिए, चलिए जानें।
कब हो सकते हैं पैरासिटामोल के साइड इफैक्ट ?
पैरासिटामोल अगर खाली पेट ली जाए तो इसके नुकसान करने के चांसेज ज्यादा होगे। वहीं, अगर एक खुराक और दूसरी खुराक के बीच पर्याप्त समय न दिया जाए तो भी इसके नुकसान होते हैं। इसलिए दवा लेने से पहले इसके नियम जरू जान लें।
कब और कितनी डोज़ है सुरक्षित ?
पैरासिटामोल बुखार, सिरदर्द और बदन दर्द के अलवा अधिकांश गैर-न्यूरोपैथिक दर्द में किया जाता है। वयस्क को एक दिन में अधिकतम 4 धंटे पर 500 मिग्रा की गोली लेना सुरक्षित माना जाता है। 24 घंटे की अवधि में 5 गोलियों से अधिक का सेवन ओवरडोज होता है। जिन दवाओं में पहले से पैरासिटामोल होता है उनके साथ अलग से पैरासिटामोल नहीं लेना चाहिए।
पैरासिटामोल के साइड इफेक्ट्स
पैरासिटामोल के सामान्य साइड इफेक्ट में शरीर में दाने, खुजली या होठों पर सूजन हो सकती है। वहीं, मितली आने, पेट में बेचैनी महसूस होने, उल्टी होने, बेहोशीपन भी आ सकता है। लेकिन इसे बराबर और गलत तरीके से लिया जाए तो कभी-कभी हार्ट अटैक, पेट से ब्लीडिंग या किडनी या लिवर की भी समस्या हो सकती है।
इन बीमारियों में पैरासिटामोल बिना डॉक्टर की सलाह के न लें?
कुछ बीमारियों में पैरासिटामोल को लेना जान से खिलवाड़ करने जैसा है। ऐसे लोगों को पैरासिटामोल नहीं लेना चाहिए जो ब्लड थिनर वाली दवाएं लेते हैं, दिल के मरीज हैं या लिवर या किडनी से जुड़ी बीमारी से जूझ रहे हैं। ऐसे लोगों को डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लेने चाहिए।