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Kalashtami 2024: कब मनाई जाएगी मासिक कालाष्टमी, यह है सही तिथि और पूजा विधि

भैरव बाबा की कृपा पाने के लिए आपको इस दिन कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए।

HIGHLIGHTS

  1. मासिक कालाष्टमी व्रत 30 मई, गुरुवार को रखा जाएगा।
  2. भैरव बाबा का पंचामृत से अभिषेक करें।
  3. श्रद्धा पूर्वक काल भैरव अष्टक का पाठ करें।

धर्म डेस्क, इंदौर। Kalashtami 2024: सनातन धर्म में मासिक कालाष्टमी को विशेष माना गया है। कालाष्टमी पर भगवान शिव के रौद्र रूप भैरव बाबा की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने और श्रद्धा पूर्वक पूजा करने से भक्त की हर इच्छा पूरी होती है।

यह व्रत ज्येष्ठ माह में 30 मई 2024, गुरुवार को रखा जाने वाला है। ऐसे में भैरव बाबा की कृपा पाने के लिए आपको इस दिन कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए, जानते हैं कि कालाष्टमी की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है।

मासिक कालाष्टमी शुभ मुहूर्त

ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 30 मई 2024 को सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन अगले दिन 31 मई 2024 को सुबह 9 बजकर 38 मिनट पर होगा। इस तरह मासिक कालाष्टमी व्रत 30 मई, गुरुवार को रखा जाएगा।

मासिक कालाष्टमी पूजा विधि

    • सुबह उठकर पवित्र स्नान करें। फिर साफ कपड़े पहन लें।
    • अपने मंदिर को अच्छी तरह साफ करें।
    • एक चौकी पर भैरव बाबा की मूर्ति स्थापित करें।
    • फिर उनका पंचामृत से अभिषेक करें।
    • इसके बाद उनकी मूर्ति को साफ कपड़े से पोंछ लें।
    • उन्हें इत्र लगाएं और फूलों की माला चढ़ाएं।
    • चंदन का तिलक लगाएं।
    • फल, मिठाई और घर का बना प्रसाद चढ़ाएं।
    • भगवान के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं और श्रद्धा पूर्वक काल भैरव अष्टक का पाठ करें।
    • आरती के साथ अपनी पूजा संपन्न करें।
    • अंत में पूजा के दौरान हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगें।
    • अगले दिन प्रसाद के साथ अपना व्रत खोलें।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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