जानें राज राजेश्वर स्वामी मंदिर की खासियत, जहां PM मोदी ने किए दर्शन, इसलिए कहते हैं ‘दक्षिण की काशी’
HIGHLIGHTS
- श्री राज राजेश्वर मंदिर तेलंगाना में सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है।
- करीमनगर जिले के वेमुलावाड़ा शहर में स्थित हैं।
- यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं, जिसे 750 से 973 ईसवी के बीच चालुक्य राजाओं ने बनवाया था।
धर्म डेस्क, इंदौर। लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में चुनावी रैलियां कर रहे हैं। इससे पहले पीएम मोदी ने आज Vemulawada के विख्यात और ऐतिहासिक राज राजेश्वर स्वामी मंदिर के दर्शन किए। इस ऐतिहासिक मंदिर को दक्षिण का काशी भी कहा जाता है। जानें क्या है Raj Rajeshwar मंदिर की खासियत।
करीमनगर जिले में हैं मंदिर
श्री राज राजेश्वर मंदिर तेलंगाना में सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है, जो करीमनगर जिले के वेमुलावाड़ा शहर में स्थित हैं। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं, जिसे 750 से 973 ईसवी के बीच चालुक्य राजाओं ने बनवाया था। तब वेमुलावाड़ा शहर चालुक्यों की राजधानी था, जिन्होंने यहां पर लंबे समय तक शासन किया था।
मंदिर में भव्य वास्तुकला
श्री राज राजेश्वर मंदिर अपनी वास्तुकला की भव्यता के साथ आध्यात्मिक पवित्रता के लिए भी जाना जाता है। राजराजेश्वर में भगवान शिव को “नीला लोहिता शिव लिंगम” के रूप में पूजा जाता है। लिंग पुराण में इस श्लोक में भगवान के नील लोहिता स्वरूप का वर्णन मिलता है।
नीलश्च लोहितश्चैव प्रधानपुरुषान्वयात् ।
स्कंदस्ते यतः शुक्ल तथा शुक्लमपैति च ।।
मंदिर परिसर में दो वैष्णव मंदिर भी
Raj Rajeshwar मंदिर में भगवान शिव के नील लोहिता स्वरूप के कारण ही इसे ‘दक्षिण भारत का बनारस’ भी कहा जाता है। इस मंदिर में शैव पूजा के साथ-साथ वैष्णव पूजा भी होती है। मंदिर परिसर में दो वैष्णव मंदिर होने के कारण इसे “हरिहर क्षेत्रम” के रूप में भी जाना जाता है। हर साल यहां रामनवमी पर त्योहार उत्साह के साथ मनाया जाता है। सबसे खास बात ये है कि मंदिर परिसर में ही एक दरगाह भी है। यह ऐतिहासिक मंदिर धार्मिक सहिष्णुता का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।
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