ममता बनर्जी बोलीं- ‘अपने हाथों से पीएम मोदी की पसंद की चीज बनाकर खिलाऊंगी’, विपक्ष ने जताई आशंका- भाई-बहन के बीच क्या पक रहा"/>

ममता बनर्जी बोलीं- ‘अपने हाथों से पीएम मोदी की पसंद की चीज बनाकर खिलाऊंगी’, विपक्ष ने जताई आशंका- भाई-बहन के बीच क्या पक रहा

ममता बनर्जी ने कहा है कि मुझे ढोकला जैसे शाकाहारी व्यंजन के साथ-साथ मछली करी जैसे भोजन भी पसंद है।

HIGHLIGHTS

  1. ममता बनर्जी की इस पेशकश के बाद सियासी विवाद गर्मा गया है।
  2. सीपीआई (M) ने दावा किया है कि भाजपा और टीएमसी के बीच समझौता हो गया है।
  3. भाजपा ने इसे राजनीतिक एजेंडा बताते हुए पीएम मोदी को मछली-चावल खिलाने की साजिश बताया है।

एएनआई, एजेंसी। लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान पश्चिम बंगाल में अब मछली-चावल को लेकर सियासत तेज हो गई है। इस विवाद की शुरुआत तब हुई, जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी के लिए खाना बनाने की पेशकश कर दी और कहा कि मैं उनके लिए कुछ भी पकाने के लिए तैयार हूं। हालांकि ममता बनर्जी ने कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि मुझे विश्वास नहीं है कि वे हाथ से पकाए गए खाने को खाएंगे या नहीं।

ममता के बयान पर विवाद

ममता बनर्जी की इस पेशकश के बाद सियासी विवाद गर्मा गया है। सीपीआई (M) ने दावा किया है कि भाजपा और टीएमसी के बीच समझौता हो गया है। वहीं दूसरी ओर भाजपा ने इसे राजनीतिक एजेंडा बताते हुए पीएम मोदी को मछली-चावल खिलाने की साजिश बताया है। गौरतलब है कि बीते माह राजद नेता तेजस्वी यादव पर पीएम मोदी ने नवरात्रि पर्व के दौरान मछली खाने को लेकर तंज कसा था।

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ममता बोली, मुझे ढोकला व मछली करी पसंद

ममता बनर्जी ने कहा है कि मुझे ढोकला जैसे शाकाहारी व्यंजन के साथ-साथ मछली करी जैसे भोजन भी पसंद है। उन्होंने कहा कि देश में हिंदुओं के विभिन्न समुदायों और संप्रदायों में कई अनूठे रीति-रिवाज और खानपान प्रचलन में हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा कौन होती है खानपान पर रोक लगाने वाली। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व को देश की विविधता और समावेशिता के बारे में कम जानकारी है।

भाजपा का पलटवार – मछली चावल खिलाने की साजिश

ममता बनर्जी के बयान पर भाजपा ने भी पलटवार किया है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा है कि ममता बनर्जी, प्रधानमंत्री मोदी को अपने हाथ की बनी मछली और चावल खिलाना चाहती हैं। यह अच्छा प्रस्ताव है, लेकिन उससे पहले वो अपने विश्वस्त फिरहाद हकीम को क्यों नहीं खिलातीं? इससे ममता जी के तीनों लक्ष्य पूरे हो जाएंगे। पहला, धर्म निरपेक्षता को बढ़ावा मिलेगा. दूसरा, लोगों को पता चलेगा कि चैरिटी की शुरुआत घर से होती है और तीसरा यह कि पकौड़े की भी प्रशंसा हो जाएगी। इधर भाजपा नेता संकुदेब पांडा ने कहा, ममता ने जानबूझकर प्रधानमंत्री मोदी को भोजन का न्योता दे रही हैं। वे अच्छे से जानती है कि प्रधानमंत्री मोदी विशुद्ध शाकाहारी हैं। यह उनकी एक चाल है।

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